आलू उत्पादन में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश, जानिए आलू की बेहतरीन क़िस्में

भारत में ज्यादातर आलू का उत्पादन रबी सीजन में होता है, लेक‍िन कुछ जगहों पर खरीफ सीजन में भी पैदावार होती है। केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश, पश्च‍िम बंगाल, ब‍िहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और असम राज्यों में देश का करीब 92 फीसदी आलू पैदा होता है। उत्तर भारत में आलू की खेती के लिए कुफरी पुखराज, कुफरी चिप्सोना,  कुफरी अलंकार , कुफरी नीलकंठ  और कुफरी सिंदूरी आलू की बेहतरीन क़िस्में मानी जाती हैं।


आलू की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जिसमें कई राज्य इसके उत्पादन में बहुत योगदान देते हैं। यह न केवल एक मुख्य भोजन है, बल्कि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। आलू की हज़ारों किस्में हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ हैं। कई अन्य मुख्य फसलों की तुलना में आलू की प्रति एकड़ उपज अधिक होती है। भारत में चावल, गेहूं और गन्ने  के बाद आलू की ही खेती सबसे अधिक की जाती है। आलू में 80 से 82 प्रतिशत तक पानी और 14 प्रतिशत स्टार्च पाया जाता है। ये एक ऐसी सब्जी है जिसे कितने भी दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है। वहीं आलू के कई व्यंजन बनाए जा सकते हैं। शायद इसलिए इसे सब्जियों का राजा भी कहा जाता है। 

टॉप तीन आलू उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश भारत में आलू उत्पादन में सबसे आगे है, यहाँ देश के उत्पादन का कुल 27.43 फीसदी आलू का उत्पादन होता है। राज्य के उपजाऊ मैदान और अनुकूल जलवायु आलू की खेती के लिए एकदम उपयुक्त हैं। आगरा, फर्रुखाबाद और मेरठ जिले अपनी उच्च पैदावार के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल का स्थान आता है, जहां 25.78 फीसदी का प्रभावशाली उत्पादन हुआ है।  इसी तरह 15.97 फीसदी उत्पादन के साथ ब‍िहार तीसरे स्थान पर है। राज्य में उन्नत कृषि तकनीक और उच्च उपज वाली किस्मों को अपनाने से पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन में वृद्धि देखी गई है।

भारत, दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश
आलू भले ही भारतीय मूल की फसल नहीं रहा है लेक‍िन यह यहां के लोगों के जीवन में न स‍िर्फ गहरे से रच-बस गया है बल्क‍ि हम इसका इतना उत्पादन करने लगे हैं क‍ि दुन‍िया के 35 देशों में इसका एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं। भारत दुन‍िया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक है। जबक‍ि इस मामले में चीन पहले स्थान पर है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में 23.46 लाख हेक्टेयर भूमि में किसान आलू की पैदावार कर रहे हैं। साल 2022-23 में 597 लाख टन से अध‍िक आलू का उत्पादन हुआ था।
आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़ साल 2023 में चीन में 207.2 मिलियन टन और भारत में 53.7 मिलियन टन आलू का उत्पादन हुआ था। भारत और चीन मिलकर दुनिया का 36% आलू उत्पादन करते हैं।

आलू की पाँच बेहतरीन क़िस्में 
अगर आप आलू की खेती करना चाहते हैं तो आप आलू की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं। इस उन्नत किस्मों में शामिल हैं. 

कुफरी पुखराज किस्म: ये किस्म आलू की सबसे खास वेराइटी है जो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सबसे कम अवधि में तैयार होती है. उत्तर भारत में इसकी खेती सबसे अधिक होती है. खासकर इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, और उड़ीसा में किया जाता है. इस किस्म की अच्छी बात तो ये है कि यह वैरायटी बुवाई के 100 दिनों के अंदर ही तैयार हो जाती है.

कुफरी चिप्सोना किस्म: आलू का ये किस्म चिप्स बनाने के लिए काफी फेमस होता है. इस किस्म को चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में की जाती है. आलू के इस किस्म में किसान को  प्रति हेक्टेयर में 300 से 350 कुंटल तक की पैदावार मिलती है.

कुफरी अलंकार किस्म: यह आलू की उन्नत किस्म है जो प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक उपज देती है. इस किस्म के आलू की फसल 70 दिनों में ही तैयार हो जाती है. ये किस्म उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अच्छी पैदावार देती है.

कुफरी नीलकंठ किस्म: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आलू का ये बेहतरीन किस्म है, जो ज़्यादा ठंड के मौसम को भी बर्दाश्त कर सकता है. इसकी उत्पादन क्षमता अन्य किस्मों से अधिक होती है. ये किस्म की फसल 90 से 100 दिनों तैयार हो जाती है. इसके अलावा स्वाद में भी यह आलू बहुत अच्छा होता है. वहीं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के लिए यह किस्म अच्छी मानी जाती है.

कुफरी सिंदूरी किस्म: कुफरी सिंदूरी भी आलू की एक उन्नत किस्म है, जो पाले को भी सहन कर सकती है. मैदानी और पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. पहाड़ी इलाके के मुकाबले मैदानी इलाके में फसल जल्दी तैयार हो जाती है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में तैयार होती है.
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