उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले दो साल में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है. रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड और गंगा के तटवर्ती इलाकों के बाद गंगा की सहायक नदियों के दोनों किनारों पर भी सरकार प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ा रही है. इसके लिए ‘कृषि सखियों’ की नियुक्ति की जाएगी और हर जिले में दो ‘बायो-इनपुट रिसर्च सेंटर (बीआरसी) भी खुलेंगे.
सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. आपको बता दें कि राज्य में प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती का तरीका सिखाने के लिए प्रति माह 5,000 रुपये के मानदेय पर ‘कृषि सखियों’ की नियुक्ति की जाएगी. इनको संबंधित जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे. आधिकारिक बयान के अनुसार, प्राकृतिक खेती के लिए हर जिले में दो ‘बायो-इनपुट रिसर्च सेंटर (बीआरसी) भी खुलेंगे. सरकार की मंशा 282 ब्लाक, 2,144 ग्राम पंचायतों के करीब 2.5 लाख किसानों को इससे जोड़ने की है. खेती क्लस्टर में होगी. हर क्लस्टर 50 हेक्टेयर का होगा. सरकार इस योजना पर अगले दो वर्ष में करीब 2,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मिट्टी में भारी धातुओं की लगातार बढ़ती मात्रा कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा संकट है.
ये भी पढ़ें – गन्ने की फसल में बढ़ रहा है टॉप बोरर का प्रकोप, जानें रोकथाम के लिए वैज्ञानिक की सलाह
प्राकृतिक खेती मिशन के तहत 13.16 करोड़ रुपये होगा खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक़ योगी सरकार बुंदेलखंड (झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट) में गो आधारित प्राकृतिक खेती मिशन चला रही है. यहाँ किसानों को गोबर व गोमूत्र से ही खाद और कीटनाशक (जीवामृत, बीजामृत और घनजीवामृत) जैसे मिश्रण बनाने का तरीका सिखाया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने कहा कि प्राकृतिक खेती मिशन के पहले और दूसरे चरण के लिए सरकार ने 13.16 करोड़ रुपये जारी भी किए हैं.
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए
अब तक 470 क्लस्टर गठित कर 21,934 किसानों को प्राकृतिक खेती मिशन से जोड़ा गया है. बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंशों के लिए गो आश्रयों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया है. अब उनकी मंशा बतौर मॉडल इन्हीं गो आश्रयों के जरिये लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने की है. बयान में कहा गया कि इसी पहल के तहत अबतक प्रदेश में योगी सरकार 7,700 से अधिक गो आश्रय बना चुकी है.
इनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश रखे गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब एक लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए हैं. योजना के तहत हर लाभार्थी को प्रति माह 1,500 रुपये भी दिए जाते हैं. पशुपालक गोवंश का पालन करें, इसके लिए सरकार उनको लगातार प्रोत्साहन दे रही है.
ये देखें –