मानसून की बारिश के लगातार बदलते पैटर्न से किसानों का काफ़ी नुक़सान हो रहा है। उत्तर प्रदेश(Uttar prtadesh) के किसान ख़रीफ़ फसलों की खेती के लिए बारिश का इंतज़ार कर रहे थे और बारिश आई भी तो कहीं इतना ज़्यादा की बाढ़ जैसे हालात हो गये हैं और कहीं इतना कम की सूखा पड़ा है। ऐसे में राज्य के कृषि मंत्री ने किसानों को धान की जगह मक्का, ज्वार, बाजरा की खेती करने की सलाह दी है और इसके लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को कॉर्न की खेती के लिए सब्सिडी दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में सूखे और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए राहत की खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बाढ़ और सूखे से प्रभावित किसानों को सब्सिडी पर मक्का, बाजरा, ज्वार, दलहन और तिलहन जैसी फसलों के बीज उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार ने यह कदम बाढ़ और सूखे से प्रभावित किसानों की मदद करने के लिए किया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में कई इलाकों में औसत से काफी कम बारिश होने और कई जिलों में बाढ़ आने की वजह से धान की फसल को काफ़ी नुक़सान हुआ है।
किसानों को और अधिक नुक़सान से बचाने के लिए सरकार ने किसानों को इन फसलों की खेती करने की सलाह दी है। इनकी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार स्थानीय मक्का, संकर मक्का और पॉपकॉर्न मक्का की खेती करने वाले किसानों को 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दे रही है। जबकि, बेबी कॉर्न मक्का के लिए अनुदान 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर है। वहीं, स्वीट कॉर्न मक्का के लिए अनुदान 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय किया गया है। मक्के के विपरीत, स्वीट कॉर्न की कटाई जल्दी की जाती है और यह सामान्य मक्के की तुलना में अधिक कीमत पर बेची भी जाती है।
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सभी जिलों में संकर मक्के पर 50 % की सब्सिडी
मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद कम है। ऐसे में राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल ही में धान की बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को अन्य फसलों की तरफ रूख करने की सलाह दी है। उन्होंने सुझाव दिया कि विकल्प के रूप में किसान मक्का, बाजरा, ज्वार, दलहन और तिलहन की खेती कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने मक्का विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य के सभी 75 जिलों में संकर मक्का के सामान्य बीज पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है।
मुफ्त में बीज मिनीकिट
सरकार सभी ब्लॉकों में विभागीय बिक्री केंद्रों पर फिंगर बाजरा के लिए मुफ्त बीज मिनीकिट उपलब्ध करा रही है। दलहन और तिलहन के बीज भी सामान्य वितरण कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध हैं। किसान सब्सिडी लागू होने के बाद कीमत का केवल 50 प्रतिशत भुगतान करके POS मशीन के माध्यम से ये बीज ले सकते हैं। इनमें से अधिकांश फसलों को कम पानी की आवश्यकता होती है और उत्पादन भी अच्छा होता है।
रिपोर्ट के अनुसार यूपी के हर ब्लॉक में निजी कंपनियों के मक्का, बाजरा और ज्वार के संकर बीजों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इन बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान सीधे किसानों के खातों में जमा किया जा रहा है।
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