लखनऊ (यूपी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पार्टनरशिप कॉन्क्लेव में कम पानी में धान की खेती करने वाले 5 किसानों को सम्मानित किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी के पास देश की 11 फीसदी कृषि लायक जमीन है, जबकि देश की 17% आबादी प्रदेश में निवास करती है और हम देश के कुल खाद्यान के उत्पादन में 20-22 फीसदी का योगदान करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 6 कृषि विश्वविद्यालय, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और निजी सेक्टर की कई कंपनियां और संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन मेरा मानना है जब तक आप अपनी सफलता की स्टोरी को तकनीक के माध्यम से किसानों तक नहीं पहुंचाएंगे, तब तक आपेक्षित परिणाम नहीं आएंगे। इसलिए यूपी सरकार, विश्व बैंक, बिल एंड मेलिंडा गेट्स, फाउंडेशन और निजी क्षेत्र के साथ ही स्टार्टअप जब मिलकर कदम बढ़ाएंगे तो रिजल्ट जरूर आएगा। कॉन्क्लेव में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हमें केमिकल मुक्त जैविक खेती पर जोर देना होगा।
यूपी पार्टनरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन लखनऊ के होटल ताज में यूपी सरकार, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेश और विश्व बैंक 2030 जल संसाधन समूह के साझा प्रयास यूपी प्रगति के तहत किया गया। यूपी प्रगति का उदेद्शय प्रदेश में किसानों की आमदनी को बढ़ाना, पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और कार्बन फ्रुट प्रिंट कम करना है। समारोह में ग्लोबल डायरेक्टर एग्रीकल्चर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन मार्टियन वान, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, विश्व बैंक के सीनियर अधिकारी, बीएमडीएफ के सीनियर अधिकारी, केन्या के कृषि सचिव समेत कई बड़ी कंपनियों के अधिकारी और संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे।
लखनऊ में आयोजित समारोह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी प्रगति के कार्यक्रम कृषि बदलाव के चैंपियन के तहत डीएसआर की खेती अपनाने और उसे सफल बनाने वाले 5 किसानों को सम्मानित किया, इनमें बाराबंकी से नरेंद्र शुक्ला पुत्र राम सांवले शुक्ला, सुल्तानपुर के संजय पांडे, सीतापुर के फहद फारुकी, अयोध्या की सबीना खातून और मिर्जापुर के संजय मिश्रा शामिल हैं।
यूपी एस्केलेटर प्रगति प्रोग्राम की टेक्निकल कॉर्डिनेटर अंजलि परासनिस के मुताबिक साल 2023 में डीएसआर का रकबा 20 हजार हेक्टेयर था जो 2024 में बढ़कर 80 हजार हक्टेयर हो गया है। “कृषि बदलाव के चैंपियन” मुहिम की शुरुआत डीएसआर अपनाने वाले किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए की गई है। सीधी बिजाई में इनोवेशन करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। समारोह में जलवायु अनुकूल कृषि के लिए भारत और केन्या के बीच एमओयू भी हुआ।
यूपी पार्टनरशिप कॉन्क्लेव से पहले टीम ने किया था बाराबंकी के टांडपुर गांव का दौरान
यूपी पार्टनरशिप कॉन्क्लेव के एक दिन पहले 20 नवंबर को विश्वबैंक प्रोग्राम के WRG 2023 ग्रुप, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और केन्या के अधिकारी टांडपुर में खेत देखने पहुंचे थे। टांडपुर गांव के किसान नरेंद्र शुक्ला डीएसआर धान के बाद उसी खेत में ड्रिप के साथ आलू की बुवाई की है। इस दौरान अधिकारियों ने किसान के खेत में लोबिया की उन्नत किस्म की बुवाई की थी।
टांडपुर जाने वाले टीम में साथ ही बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सदस्य श्री कीमतों प्रिंसिपल सेक्रेटरी केन्या, श्री स्टीफेन नायगा, प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट, एनओक चिकनोवा, डायरेक्टर एग्री डिलीवरी सिस्टम्स, स्टीवन प्रेगर, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर, मार्टिन वैन नेवेकूप, डायरेक्टर एग्री डेवलपमेंट निधि श्रीनिवास , सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर भी शामिल थे।
डीएसआर विधि से धान की खेती और बाराबंकी में हुए प्रयोग- धान की सीधी बिजाई और ड्रिप सिंचाई का वीडियो देखिए