फसल सुरक्षा को और मजबूत करेगी UP सरकार, लागू होगी नई प्रणाली, हर क‍िसान को लाभ द‍िलाने पर जोर

उत्तर प्रदेश (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) राज्य को भारत की खाद्य टोकरी के रूप में बढ़ावा देने के अपने मिशन के तहत किसानों (Farmers) और उनकी फसलों की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक नई पहल करने जा रही है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपज आकलन प्रणाली (यस-टेक) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, राज्य सरकार ने किसानों के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपज आकलन प्रणाली (यस-टेक) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया।

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) के तहत फसलों की निगरानी और रखरखाव की प्रक्रिया में सुधार की दिशा में भी कदम उठाए हैं। राज्य की फसलों को मौसमी आपदाओं से बचाने, किसानों को फसल बीमा प्रदान करने और ग्राम पंचायत स्तर पर फसल निरीक्षण की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए सरकार एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रही है।

कृषि विभाग ने यस टेक को प्रदेश में लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी क्रियान्वयन भागीदार (टीआईपी) नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने प्रदेश के 75 जिलों में रबी और खरीफ सीजन की फसलों से संबंधित आंकड़ों को संकलित करने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है।

फिलहाल यस-टेक प्रक्रिया के माध्यम से आरडब्ल्यूबीसीआईएस को लागू करने का फोकस मुख्य रूप से गेहूं और धान की फसलों पर है। इस दौरान वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़ों को संकलित किया जाएगा। ये आंकड़े यस टेक मैनुअल-2023 के आधार पर संकलित किए जाएंगे। मॉड्यूल के विकास के बाद अन्य बीमित फसलों को भी इससे जोड़ा जा सकेगा।

प्रक्रिया के तहत कुल पांच सीजन की मूल्यांकन अवधि के अनुसार रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसमें मिड सीजन रिपोर्ट (एमएसआर) और एंड सीजन रिपोर्ट (ईएसआर) भी संकलित की जाएगी। इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए टीआईपी द्वारा मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉड्यूल को लागू किया जाएगा।

Uttar Pradesh सरकार का हर क‍िसान को लाभ द‍िलाने पर जोर

योजना के अनुसार सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर फसलों का बीमा करने तथा किसानों को बीमा कवर प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया में बीमित खरीफ फसलों के रूप में केला, मिर्च और पान तथा रबी फसलों के रूप में टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर और आम को प्राथमिकता दी गई है। फसलवार बीमा की अंतिम तिथि केला के लिए 30 जून, मिर्च के लिए 31 जुलाई, पान के लिए 30 जून, टमाटर के लिए 30 नवंबर, शिमला मिर्च के लिए 30 नवंबर, हरी मटर के लिए 30 नवंबर तथा आम के लिए 15 दिसंबर है।

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