बिहार सरकार की इस योजना के तहत आप बेकार पड़ी जमीन पर कर सकते हैं मछली पालन, 70 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलेगी

बिहार सरकार

अक्सर आपने देखा होगा कि गाँवों में जमीनें बंजर पड़ी रहती है. इस बंजर और बेकार पड़ी जमीन के इस्तेमाल के लिए बिहार सरकार ने कुछ सोचा है. प्रदेश सरकार ने राज्य में बंजर पड़ी जमीन का सही इस्तेमाल करने का फैसला लिया है, जिससे उस जमीन से जुड़े लोगों को आर्थिक लाभ मिले. बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘मुख्यमंत्री चौर विकास योजना’ (Mukhyamantri Chaur Vikas Yojana) की शुरुआत की है.  इस योजना तहत राज्य सरकार किसानों को बेकार पड़ी बंजर जमीन पर मछली पालन के लिए अनुदान पर तालाब बनाने का मौका दे रही है.

योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बड़े पैमाने पर उपलब्ध निजी चौर भूमि को मत्स्य आधारित अखंड जलकृषि के लिए विकसित करना है, जिससे बेकार पड़े चौर संसाधनों में मछली पालन के साथ-साथ कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी को फॉलो कर उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी की जा सके. योजना के तहत चौर विकास के लिए ‘लाभुक आधारित चौर विकास’ और ‘उद्यमी आधारित चौर विकास’ का अमल किया जाना है.

कितना मिलेगा अनुदान
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (मत्स्य प्रभाग), बिहार सरकार के मुताबिक, मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के तहत किसानों को बंजर जमीन पर तालाब बनाने के लिए 70 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. अन्य वर्ग के लिए इकाई लागत का 50 फीसदी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए 70 फीसदी और उद्यमी को 40 फीसदी अनुदान मिलेगा.

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योजना के तहत तीन मॉडल हैं मुख्यमंत्री चौर विकास के
पहला एक हेक्टेयर रकबा में एक तालाब का निर्माण और भूमि विकास, लागत- ₹9.60 लाख / हेक्टेयर
दूसरा एक हेक्टेयर रकबा में 2 तालाब निर्माण, लागत- ₹8.88 लाख / हेक्टेयर
तीसरा एक हेक्टेयर रकबा में 4 तालाब निर्माण, लागत- ₹7.32 लाख  / हेक्टेयर


योजना से जुड़ी जरूरी बातें
योजना का फायदा व्यक्तिगत / समूह लाभुकों के द्वारा स्व-अभिप्रमाणित दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, समूह में काम करने की सहमति पत्र जरूरी होंगे. जबकि उद्यमी लाभुकों के द्वारा स्व-अभिप्रमाणित निबंधन प्रमाण-पत्र, विगत 3 वर्षों का ऑडिट और आयकर रिटर्न (IT Return), जीएसटी (GST), भू-स्वामि प्रमाण-पत्र, लीज एकरारनामा, मत्स्य प्रशिक्षण और मत्स्य आधारित उद्यमी का अनुभव प्राप्त हो प्राथमिकता दी जाएगी.

31 अगस्त 2025 तक आवेदन करें
इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसान fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए अंतिम तारीख 31 अगस्त 2025 तक है. 

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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