गर्मी का मौसम अभी अपने मध्य में है. बारिश दस्तक दे रही है लेकिन मौसम बदलने में अभी बहुत वक्त है. ठीक है, गर्मी हमसे कई सारे समझौते कराती है लेकिन अपने साथ एक नायाब फल भी लाकर देती है – वह है आम. साल भर में महज तीन चार महीने मिलने वाले इस फल की खूबी कुछ तो है जो इसे अपने फलों के कबीले का राजा कहा जाता है. आज हम बात इसी के इर्द गिर्द करने वाले हैं, बताएंगे आपको आम की कुछ बढ़िया किस्मों के बारे में दुनिया की सबसे अच्छी प्रजाति कही जाती हैं और यह भी कि अगर आपको उनके पेड़ लगाने हैं तो कहाँ से आप इन्हें ला कर लगा सकते हैं.
महाराष्ट्र का एक चर्चित जिला है रत्नागिरी और वहाँ से कोई 150 किलोमीटर दूर है इसी जिले का एक तालुका दापोली. आपको महाराष्ट्र की इस सिर पर ले आने का कारण बस इतना ही है कि हम आम की उन प्रजातियों तक आपको पहुंचा सकें जो सबसे बेस्ट हैं और जिनके पेड़ लगाना आप के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
दापोली में 1972 में एक अग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी, बाद में इसका नाम रखा गया Dr.Balasaheb Sawant Konkan Krishi Vidyapeeth. वैसे तो यहाँ हर तरह के फसलों की बेहतरीन किस्मों पर शोध और काम होता रहा है लेकिन आम के मामले में कहा जा सकता है कि ये यूनिवर्सिटी दुनिया भर से आगे निकल चुकी है.
- रत्ना
बेहतरीन आमों की लिस्ट में पहला आम है रत्ना नाम के आम का. नाम की ही तरह इसके लक्षण भी रत्नों वाले ही हैं. एक हेक्टेयर में 250 से तीन सौ क्विंटल आम की पैदावार देने वाली ये वैराइटी इसलिए भी खास है क्योंकि ये नियमित फल देती है. आकार में यां अंडे के आकार का होता है. हरे और नारंगी रंग का ये आम खाने के लिए भी ये आम किसी भी व्यक्ति के लिए पहली चॉइस होनी चाहिए.
2. सिंधु
दूसरा आम है सिंधु. पतली गुठली वाला ये आम अपने गूदे के उच्च प्रतिशत के लिए जाना जाता है. प्रति हेक्टेयर इसकी भी पैदावार 200 से 250 क्विंटल है. इस आम को पहचानने का एक तरीका ये भी है कि इन आमों पर एक किस्म की आकर्षक लालिमा दिखाई देती है.
3. कोंकण रुचि
तीसरे नंबर पर बात करते हैं कोंकण रुचि नाम के आम की। प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल की पैदावार देने वाला ये आम अपने मोठे छिलकों की वजह से अचार के लिए बेस्ट है.
4. अल्फाँसों
आमों की इस सूची में अलफाँसों आम के जिक्र के बगैर बात पूरी नहीं होगी।
ये आम 2002 में रिलीज किया गया था. बड़े आकार वाला ये आम, रेशेदार तो होता ही है लेकिन अपने स्वाद की वजह से शीर्ष आयामों में जगह बनाए हुए है. अच्छी बात ये है कि इन आमों को लंबे समय तक के लिए रखा जा सकता है, ये बहुत जल्दी खराब नहीं होते. इसी वजह से ये आम एक्सपोर्ट करने के लिए भी व्यापारियों की पहली पसंद है.
5. सुवर्णा
हमारी लिस्ट का पाँचवाँ आम है- सुवर्णा.
आयामों की ये वैराइटी अल्फांसो और नीलम का क्रॉस संयोजन है,. इसमें अल्फांसो के अच्छे गुण हैं और नीलम की तरह हर साल फल देने की प्रवृत्ति है और इसका गुच्छेदार फल देना इसे बाकी आमों से आगे पहुंचा देता है.
आमों की यह किस्म एक हेक्टेयर में 300 क्विंटल पैदावार के लिए जानी जाती है.
6. कोंकण राजा
कोंकण राजा नाम का आम हमारा अगला आम है. 2010 में आए आम की इस किस्म ने अपनी अलग ही छाप छोड़ी है. 90 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आम देने वाली यह प्रजाति इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें एसिड की मात्रा कम होती है जो इसे बाकी आमलों के मुकाबले कम खट्टा बनाता है.
7. कोंकण सम्राट
लास्ट बट नॉट द लीस्ट है कोंकण सम्राट नाम का आम.
नियमित फल देने वाला ये आम , गुच्छेदार फूल देने वाला और कम रेशा वाला आम है. खास बात ये है कि ये विदेशी मूल का पहला आम है जो सारे स्वदेशी गुण समेटे हुए है.
तो ये हैं वो 7 तरह के आम जो हमारी नजर और रिसर्च के अनुसार बेहतरीन प्रजाति के हैं. कोंकड़ कृषि विद्यालय में इनके पौधे भी मिल सकते हैं. तो अगर आपको आम की खेती या आम का पेड़ लगाने का मन हो तो आमों की इन वैराइटीज की तरफ रुख करना बेस्ट ऑप्शन है.