कृषि क्षेत्र में सहयोग की नई राह दिखायेगा उत्तर प्रदेश-ऑस्ट्रेलिया एग्री बिजनेस कॉन्क्लेव

लखनऊ: आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होटल ताज में उत्तर प्रदेश-ऑस्ट्रेलिया एग्री बिजनेस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव का आयोजन कृषि क्षेत्र में तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादन, उत्पादकता, और व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया।
कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, उद्यान, कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, और कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त डॉ. फिलिप ग्रीन, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग भी उपस्थित थीं।

किसानों की आय बढ़ेगी
इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण नीति को सरल बनाया है, जिससे प्रदेश के किसान और उद्यमी अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। प्रदेश में और अधिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से कृषि उपज के मूल्य में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में सुधार होगा। हम ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने को एक सुनहरा अवसर मानते हैं।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े और यह कॉन्क्लेव उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑस्ट्रेलिया से आने वाली तकनीकों और विशेषज्ञता के माध्यम से हम कृषि और संबंधित उद्योगों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकते हैं।

कृषि निर्यात बढ़ाने पर जोर
उद्यान कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश का कृषि निर्यात बढ़े और हमारे किसानों को वैश्विक बाजारों में अधिक अवसर मिलें। ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग से हम इस लक्ष्य को तेजी से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि कृषि में तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देना समय की मांग है। इस कॉन्क्लेव में जिन तकनीकों और विचारों पर चर्चा हो रही है, वे न केवल उत्पादन बढ़ाने में सहायक होंगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेंगी।

उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त डॉ. फिलिप ग्रीन ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां इन संभावनाओं को विस्तार देने के लिए उत्साहित हैं। यहां के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया एक अच्छा सहयोगी बन सकता है। हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने को तत्पर हैं।
कॉन्क्लेव में ऑस्ट्रेलिया से आए विशेषज्ञों ने कृषि में नवीनतम तकनीकों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, और उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर प्रस्तुतियाँ दीं। दोनों देशों के बीच समान जलवायु परिवर्तन की समस्याओं पर भी चर्चा हुई, जिसमें यह बात उभरकर आई कि दोनों देशों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक दूसरे के अनुभवों और तकनीकों से सीखना चाहिए।

कृषि में तकनीकी को मिलेगा बढ़ावा
इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए यह कॉन्क्लेव एक महत्वपूर्ण पहल है। हम ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर कृषि में तकनीकी नवाचार और उन्नत तरीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हमारे किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग अनिवार्य है। इस कॉन्क्लेव में जो विचार और तकनीकें सामने आई हैं, वे निश्चित रूप से प्रदेश के कृषि क्षेत्र को लाभ पहुंचाएंगी।
अपर मुख्य सचिव उद्यान बी एल मीणा और प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर राज्य की विभिन्न कृषि योजनाओं और उनके कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव के माध्यम से किसानों के आय को दोगुना करने और कृषि में तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देने पर गहन मंथन हुआ है, जिससे आने वाले समय में प्रदेश के कृषि क्षेत्र को नई ऊँचाइयाँ प्राप्त होंगी।

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