तम्बाकू किसानों को मिली बड़ी राहत, अब उत्पादक रजिस्ट्रेशन और खलिहान लाइसेंस 3 साल तक होगा वैलिड

सरकार ने कारोबार में आसानी के लिए वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादक के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस को 1 वर्ष के बजाय 3 वर्ष के लिए नवीनीकृत करने का निर्णय लिया है, ताकि वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादक के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस के अनिवार्य वार्षिक नवीनीकरण का बोझ कम किया जा सके। इसका मतलब है कि पंजीकरण / लाइसेंस हर साल नवीनीकरण की मौजूदा प्रथा के बजाय 3 साल के लिए वैध होंगे।

भारत दुनिया में कच्चे तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है (वर्ष 2023 के दौरान मूल्य के संदर्भ में) और भारतीय खजाने में आमदनी के रूप में योगदान दे रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, तम्बाकू निर्यात ने भारतीय खजाने में 1979 मिलियन अमेरिकी डॉलर (16,728 करोड़ रुपये) का योगदान दिया।
एक वर्ष से तीन वर्ष तक की आवधिकता बढ़ाने का यह संशोधन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा राज्यों में लगभग 91,000 खलिहानों को कवर करने वाले लगभग 83,500 किसानों को अपने पंजीकरण/लाइसेंस को नवीनीकृत करने में बहुत मददगार होगा।

ये भी पढ़ें – भारतीय डेयरी उत्पाद दुनिया के हर घर तक कैसे पहुंचें, इस दिशा में काम करें एनडीआरआई के वैज्ञानिक – कृषि मंत्री चौहान

तम्बाकू बोर्ड कानून क्या कहता है?
भारत में वर्जीनिया तम्बाकू को संसद के एक कानून अर्थात तम्बाकू बोर्ड कानून, 1975 और उसके अंतर्गत अधिसूचित नियमों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। तम्बाकू बोर्ड कानून, 1975 और उसके अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार, वर्जीनिया तम्बाकू की खेती करने के इच्छुक प्रत्येक उत्पादक को उत्पादक के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा। तदनुसार, तम्बाकू बोर्ड वार्षिक आधार पर पंजीकरण/लाइसेंसिंग की सुविधा प्रदान कर रहा है।

उत्पादकों को 3 साल में एक बार इस पंजीकरण/लाइसेंस को नवीनीकृत करने की सुविधा देने के लिए, सरकार ने तंबाकू बोर्ड नियम, 1976 के नियम 33 के उप-नियम (5), (6) और (7) और नियम 34 एन के उप-नियम (2) और (3) में संशोधन किया है। उपर्युक्त तंबाकू बोर्ड नियम, 1976 में संशोधन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, भारत सरकार द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। यह आंध्र प्रदेश में 2025-26 फसल मौसम से प्रभावी होगा।

ये देखें –

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *