अंग्रेजी दवाओं की छुट्टी करेगा छांछ से बना ये Bio Pesticides, बनाने का तरीका समझिए…

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से उत्पादन बढ़े या न बढ़े, उत्पाद की गुणवत्ता जरूर खराब हो रही है। इसके कई अन्य बुरे परिणाम भी हैं जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर, पर्यावरण को नुकसान आदि।इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी दे रही है। इसके साथ ही देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो बड़े पैमाने पर प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। उन्हीं किसानों में से एक हैं जोधपुर के मथानिया गांव के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा, जो 60 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।

किसान रतनलाल डागा ने अपने खेतों में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल बंद कर दिया और अब वो केवल प्राकृतिक तरीके से ही खेती करते हैं। वो अपने रतनलाल डागा फार्म पर ही खुद से खाद, कीटनाशक और माइक्रो न्यूट्रिएंट बनाते हैं।
वो दही से खाद और छाछ से कीटनाशक तैयार करते हैं। दही में मौजूद बैक्टीरिया कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं, जिससे पौधों के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है। छाछ में पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं और ये कुछ कीटों को भी दूर भगाता है।

ये भी पढ़ें – क्या है Sachet App? पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों किया इसका जिक्र… जानें किसानों के लिए कितना उपयोगी है यह ऐप?

जैविक कीटनाशक बनाने के लिए क्या चाहिए?
नीम की पत्तियाँ, सजहन की पत्तियां, ग्वारा पाठा की पत्तियां, आक की पत्तियां, धतूरा की पत्तियां, आंवला की पत्तियां, करंज की पत्तियां , एलोवेरा की पत्तियां और सीताफल की पत्तियां ।

रस चूसक कीट के लिए दवा
नीम की पत्तियां, धतूरा की पत्तियां, सीताफल की पत्तियां, करंज की पत्तियां, बोगनबेलियां की पत्तियां और सोनामुखी की पत्तियां। पत्तियों को पानी में मिलाकर उनका रस निकालें या फिर सोनामुखी और नीम आदि की पत्तियों को गोमूत्र में भिगोकर उनका अर्क निकालें।
जिसके बाद 200 लीटर पानी में 2 किलो पत्तियों का रस मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें दही से पोषक तत्व बनाने की प्रक्रिया दही को 10-12 दिन तांबे के बर्तन में रखें रोज एक बार डंडे से हिलाएं दही के ऊपर जमी हरी परत को हटा दें 6 लीटर प्रति एकड़ में छिड़काव करें फसल में कॉपर की कमी पूरी होगी।

इल्ली मारने के लिए
नीम, अदरक, लहसुन, मिर्ची के रस को खट्टी छांछ में मिलाकर छिड़काव करें।

देखिए वीडियो –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *