पीएम मोदी ने 42,000 करोड़ रुपये की कृषि योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें यूपी के 12 जिले शामिल हैं। इन योजनाओं से दाल-तेल उत्पादन बढ़ेगा, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY), दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शामिल हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही वर्चुअली शामिल हुए और राज्य के किसानों के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं आत्मनिर्भर कृषि और किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगी।
15 किसानों को सम्मानित किया
कार्यक्रम में देशभर के 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) से जुड़े करीब 50 लाख किसानों को सम्मानित किया गया। इनमें से 1,100 “करोड़पति FPO” ऐसे हैं, जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये से अधिक है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत 50,000 से ज्यादा किसानों को प्रमाणपत्र दिए गए। लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने 15 किसानों को सम्मानित किया। इसके अलावा, तिलहन मिनीकिट, फसल बीमा योजना और जैविक खेती से जुड़े किसानों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा,
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, प्रधानमंत्री किसान योजना, फसल बीमा योजना और प्राकृतिक खेती मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में कृषि क्रांति हो रही है। उन्होंने बताया कि दलहन मिशन और तिलहन मिशन के जरिए प्रदेश दाल और तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए 2047 तक की दीर्घकालिक रणनीति तैयार की गई है।
यूपी के इन 12 जिलों को मिलेगा फ़ायदा
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 12 जिलों महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र को चयनित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं को सुदृढ़ करना और छोटे किसानों को आसान लोन की सुविधा उपलब्ध कराना है।
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प्राकृतिक खेती से अब तक 2.35 लाख किसान जुड़े
राज्य में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत अब तक 2.35 लाख किसान, 3,772 कृषि सखी और 75 बायो रिसोर्स इनपुट सेंटर इस अभियान से जुड़ चुके हैं। 75 जिलों में 1,886 क्लस्टर बनाए गए हैं और लगभग 150 करोड़ रुपये की धनराशि इस पर खर्च की जा रही है। किसानों को प्रशिक्षण, प्रोत्साहन राशि और प्राकृतिक खेती किट उपलब्ध कराई जा रही हैं।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत अरहर, उड़द, मसूर, चना, मटर और मूंग जैसी छह प्रमुख दलहनी फसलों के लिए क्लस्टर आधारित कार्ययोजना तैयार की गई है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और देश दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी खरीद का लाभ भी मिलेगा।
यूरिया और डीएपी की कोई कमी नहीं
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि प्रदेश में यूरिया और डीएपी जैसे उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। रबी फसलों के लिए सभी उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। राज्य में 457 नई प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS), 1,864 डेयरी समितियों और 1,242 प्रधानमंत्री किसान सेवा केंद्र (PMKSK) का गठन किया गया है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।