जलवायु अनुकूल नई किस्में विकसित करने की जरूरत: कृषि मंत्री चौहान

जलवायु अनुकूल नई किस्में

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान अभियान के छठे दिन महाराष्ट्र के पुणे स्थित, नारायणगांव, कृषि विज्ञान केंद्र से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए, किसानों से संवाद किया। किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब-तक कृषि मंत्री, कृषि विभाग व वैज्ञानिक खेतों तक नहीं पहुंचेंगे, खेती को सही दिशा नहीं मिल सकती। व्यावहारिक समस्याओं को समझे बिना मात्र कागज पर योजनाएं बनाने का कोई अर्थ नहीं है।

चौहान ने कहा कि मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि महाराष्ट्र के किसान प्रगतिशील है। उन्होंने खुद से अनुसंधान कर खेती में उन्नति के मार्ग सुनिश्चित किए हैं। हमारे अंगूर और केले आज विदेशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखते हुए अब नई किस्में विकसित करनी पड़ेंगी।
शिवराज सिंह ने कहा कि आज मैंने शिमला मिर्च की खेती, केले की खेती, मूंगफली की खेती देखी वहां उत्पादन से लेकर उनके बाजार तक पहुंच की प्रक्रिया को समझा। वैज्ञानिकों की टीम के साथ टमाटर के खेत में भी गया, वायरस अटैक के कारण टमाटर की खेती पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा, उसकी जानकारी भी ली।

मंत्री ने वैज्ञानिकों को निर्देश दिए
चौहान ने वैज्ञानिकों को बढ़ते तापमान और असमय बारिश के कारण फसलों पर जो विपरीत प्रभाव पड़ता है, उससे निपटने के लिए मार्ग प्रशस्त करने का निर्देश दिया। टमाटर की नई किस्में जो अधिक तापमान प्रभाव में भी उत्पादन कर सके, ऐसी किस्मों की जानकारी किसानों तक पहुंचाने को कहा।

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कीटनाशकों और उर्वरकों पर चर्चा की
चौहान ने कीटनाशकों और उर्वरकों के सही व संतुलित उपयोग को लेकर भी चर्चा की। साथ ही कहा कि सरकारनकली कीटनाशकों और उर्वरकों पर रोक के लिए कड़ा कानून बनाने की दिशा में भी अग्रसर है। जो भी कंपनियां या लोग नकली उर्वरक या कीटनाशक बनाते हुए पकड़े जाएंगे, उन्हें खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

MIS योजना की जानकारी दी
उन्होंने बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के अंतर्गत आलू, प्याज और टमाटर के संबंध में केंद्र की नई योजना की भी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने क्षेत्र की तुलना में उन राज्यों में  जहां उन्हें अधिक दाम मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में परिवहन में होने वाली परिचालन लागत का खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी। ऐसा तालमेल करने से किसानों को भी उचित दाम मिल जाएगा और जिस क्षेत्र में दाम अधिक है वहां उत्पादन पहुंचने से दाम भी संतुलित हो जाएंगे।

इसके अलावा उन्होंने टमाटर और अंगूर की अधिक सेल्फ लाइफ वाली किस्म विकसित करने और प्रोसेसिंग की दिशा में शोध के लिए भी वैज्ञानिकों को निर्देश दिए। साथ ही साथ सोयाबीन के उत्पादन में भी नए प्रयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री  माणिकराव शिवाजीराव कोकाटे सहित, अधिकारीगण, वैज्ञानिक और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहें। पहले दिन ओडिशा से शुरुआत के बाद, जम्मू, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, बिहार के बाद कृषि मंत्री महाराष्ट्र के किसानों से मिले है। अन्य राज्यों की तरह ही महाराष्ट्र में भी अभियान को लेकर किसानों के बीच भारी उत्साह दिखा।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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