दिल्ली में 24–26 नवंबर तक दुनिया का सबसे बड़ा कृषि वैज्ञानिक सम्मेलन छठा इंटरनेशनल एग्रोनॉमी कांग्रेस (IAC-2025) आयोजित होगा। इसमें भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और विशेषज्ञ भविष्य की स्मार्ट, टिकाऊ और जलवायु-सहिष्णु खेती पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में सस्टेनेबल एग्रोनॉमी, डिजिटल फार्मिंग, कार्बन-न्यूट्रल खेती, रीजेनेरेटिव खेती, पोषण-सुरक्षित कृषि और सरकारी कृषि योजनाओं की उपलब्धियों पर फोकस किया जाएगा।
नई दिल्ली में 24 से 26 नवंबर तक छठा इंटरनेशनल एग्रोनॉमी कांग्रेस (IAC-2025) आयोजित होने जा रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक मंच है, जहाँ सस्टेनेबल खेती, जलवायु-सहिष्णु कृषि और भविष्य की खेती की दिशा पर चर्चा होगी। यह कार्यक्रम भारतीय एग्रोनॉमी सोसाइटी (ISA) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ICAR, IARI, NAAS और TAAS का सहयोग है। तीन दिन तक देश-दुनिया के वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और कृषि विशेषज्ञ मिलकर भविष्य की स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल खेती का रोडमैप तैयार करेंगे।
फसल अवशेष जलाने में 95% कमी
सम्मेलन से पहले हुई बैठक में ICAR के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट ने बताया कि 2020 की तुलना में अब देश में फसल अवशेष जलाने के मामलों में 95% की कमी आई है। उन्होंने इसे बेहतर खेती तकनीकों और प्रबंधन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल खेती के लिए वैश्विक सहयोग और नई तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है।
स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल कृषि
कांग्रेस का मुख्य विषय है “स्मार्ट कृषि-खाद्य प्रणालियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए एग्रोनॉमी का पुनरावलोकन”
इसका उद्देश्य भविष्य में ऐसी खेती व्यवस्था बनाना है, जो ज्यादा उत्पादक हो, जलवायु बदलाव का सामना कर सके, पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाए, पोषण की दृष्टि से सुरक्षित हो।इस कार्यक्रम में 1000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
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केंद्र सरकार की प्रमुख कृषि योजनाओं की उपलब्धियों का प्रदर्शन
इसमें सरकार कई महत्वपूर्ण अभियानों की प्रगति और उपलब्धियां भी दिखाएगी, जैसे राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम-प्रणाम, डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, पीएम-किसान
भविष्य की खेती पर खास ध्यान
कार्बन-न्यूट्रल खेती, इको-न्यूट्रिशन, रीजेनेरेटिव (पुनर्योजी) एग्रीकल्चर, डिजिटल कृषि प्रणाली, किसान-नेतृत्व वाले नवाचार, आधुनिक कृषि शिक्षा जैसे विषयों पर विशेष चर्चा होगी।ये सभी विषय आने वाले समय की खेती को जलवायु और पर्यावरण चुनौतियों के अनुरूप तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।