Dragon Fruit farming: कमलम या ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) औषधीय गुणों से भरपूर एक बारहमासी कैक्टस है।इसकी खेती के लिए कम से कम पानी और 20-30 डिग्री सेल्सियस के तापमान की ज़रूरत होती है। सबसे अच्छे बात ये है कि इसकी फसल कम उर्वरता वाली मिट्टी में भी अच्छी पैदावार देती है। वर्तमान में मार्केट रेट 50-60 रुपये प्रति फल है। इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य सरकार तीन किस्तों में 40 फीसदी का अनुदान देती है।
अगर आप कम खेत में मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आपको कमलम(Dragon Fruit) की खेती करनी चाहिए। भारत में कमलम की खेती का क्षेत्र वर्तमान में 3,000 हेक्टेयर है, सरकार ने जिसे 50,000 हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। भारत में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है और कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मिजोरम और नागालैंड के किसान इसकी खेती करना शुरू कर चुके है। इसकी खेती बहुत खास है क्योंकि यह आमदनी का बेहतर स्रोत है। इसमें बस एक बार पैसा लागकर आप 40 वर्ष तक इससे तक मुनाफा ले सकते हैं।
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कमलम की खेती पर 40 फीसदी का अनुदान
बिहार सरकार ने किसानों को इसकी खेती के लिए 40 फीसदी अनुदान देने का फैसला लिए है दी है।इसकी खेती के लिए बनने वाली एक यूनिट पर किसानों को करीब 7.50 लाख रुपये का खर्च आता है। राज्य में किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 3 किस्तों में अनुदान दिया जाएगा।अनुदान की पहली किस्त 60 फीसदी राशि यानी 1.80 लाख रुपये प्रति किसान प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। दूसरी किस्त अगले वर्ष कुल अनुदान का 20 फीसदी यानी 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर 75 फीसदी पौधे के जीवित रहने पर मिलेगी। वहीं तीसरी और अंतिम किस्म यानी बाकी 20 फीसदी रकम उसके अगले से 90 फीसदी पौधों के जीवित रहने पर दी जाएगी।
ड्रैगन फ्रूट एक फ़ायदे वाला फल
गुलाबी या लाल रंग का होता है और अंदरूनी भाग सफेद होता है। इसका गूदा काफी रसदार और हल्का मीठा होता है। इस फल में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, बी, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्निशियम पाए जाते हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। फाइबर की मात्रा ज्यादा होने के बावजूद यह लो कैलोरी फ्रूट है, जो वजन घटाने में भी मदद करता है।
बिहार के इन जिलों में होगी खेती
बिहार में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जिन 21 जिलों का चयन किया गया है। उनमें मुजफ्फरपुर, पटना, भोजपुर, गोपालगंज, जहानाबाद, सारण, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, नालंदा, पश्चिम व पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, समस्तीपुर व वैशाली जिले शामिल हैं।
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