केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2025-26 के लिए रिकॉर्ड 354.64 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का रखा लक्ष्य

खाद्यान्न में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं।

भारत ने 2025-26 के फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है, जो कि अनुमानित अनुकूल मानसून वर्षा से प्रेरित है। यह लक्ष्य मौजूदा वर्ष के 341.55 मिलियन टन के लक्ष्य से अधिक है। चावल उत्पादन 147.35 मिलियन टन तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि गेहूँ उत्पादन 117.40 मिलियन टन निर्धारित किया गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर मानसून की बारिश के पूर्वानुमान के आधार पर जुलाई से शुरू होने वाले 2025-26 फसल वर्ष में भारत 354.64 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है। चालू 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में सरकार ने 341.55 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा था। खाद्यान्न में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं।

चालू फसल वर्ष 2024-25 के खरीफ और रबी सीजन में देश का खाद्यान्न उत्पादन 330.92 मिलियन टन तक पहुंच चुका है। ग्रीष्मकालीन (जायद) बुवाई के लिए उत्पादन अनुमान अभी जारी होना बाकी है।वहीं फरवरी से जून के बीच बोए जाने वाले ग्रीष्मकालीन सीजन में खाद्यान्न उत्पादन, जो रबी की कटाई और खरीफ बुवाई के मौसम के बीच होता है, 2023-24 में 16.5 मिलियन टन रहा।

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147.35 मिलियन टन चावल उत्पादन का लक्ष्य
सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष के लिए 147.35 मिलियन टन चावल उत्पादन का लक्ष्य रखा है। धान तीनों मौसमों में उगाया जाता है। देश में 2024-25 के खरीफ और रबी सीजन में 136.44 मिलियन टन उत्पादन होने का अनुमान है और जायद सीजन के अनुमान जारी होने के बाद यह संख्या बढ़ जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार केवल रबी के मौसम में उगाए जाने वाले गेहूं के लिए, अगले फसल वर्ष के लिए उत्पादन लक्ष्य 117.40 मिलियन टन निर्धारित किया गया है, जबकि मौजूदा फसल वर्ष 2024-25 में कुल उत्पादन 115.43 मिलियन टन अनुमानित है।

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