ड्रैगन फ्रूट, कीवी और मोटे अनाज का बढ़ेगा रकबा, खेती के लिए उत्तराखंड सरकार किसानों को देगी 80% तक सब्सिडी

उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड सरकार राज्य में ड्रैगन फ्रूट, कीवी और मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसकी खेती के लिए प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को सब्सिडी देने की योजना बना रही है। उत्तराखंड सरकार ने मोटा अनाज नीति के तहत राज्य में 2030-31 तक 11 पर्वतीय जिलों के लिए 134.89 करोड़ रुपये की योजना पर मुहर लगाई है. वहीं ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए वर्ष 2027-28 तक 15 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी, जिसमें 450 किसान लाभान्वित होंगे. इसके अलावा कीवी नीति के तहत वर्ष 2030-31 तक राज्य सरकार कीवी के बाग लगाने के लिए कुल लागत 12 लाख रुपये प्रति एकड़ के लिए 70 फीसदी तक सब्सिडी देगी.

उत्तराखंड सरकार किसानों को परंपरागत खेती के बजाय नकदी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. राज्य कैबिनेट ने मोटा अनाज, कीवी और ड्रैगन फ्रूट की खेती की योजना पर मुहर लगाई है, जिसमें कुल मिलाकर 3 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे। मोटा अनाज नीति के तहत मंडुवा, झंगेरा, रामदाना, कौणी और चीना उत्पादक किसानों को बीज व जैव उर्वरक पर 80 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. किसानों को मिलेट्स की पंक्तिबद्ध बुवाई के लिए 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और सीधी बुवाई पर 2,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. हर ब्लॉक से 2 उत्कृष्ट किसान या समूह को 10,000 रुपये का वार्षिक पुरस्कार भी मिलेगा.

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कीवी पर 70 फीसदी अनुदान
उत्तराखंड कीवी नीति के तहत वर्ष 2030-31 तक राज्य सरकार कीवी के बाग लगाने के लिए कुल लागत 12 लाख रुपये प्रति एकड़ के लिए 70 फीसदी तक सब्सिडी देगी. यह नीति हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़कर बाकी 11 जनपदों में लागू होगी. कीवी पॉलिसी के तहत 3500 हेक्टैयर एरिया को आच्छादित करने का लक्ष्य है. इसमें करीब 17,500 किसानों को फायदा होगा. अभी राज्य के लगभग 683 हेक्टेयर में 382 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन किया जा रहा है.

ड्रैगन फ्रूट पर 80% सब्सिडी
ड्रैगन फ्रूट की खेती को ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून और टिहरी में विशेष योजना के तहत आधुनिक वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा दिया जाएगा. योजनात के तहत वर्ष 2027-28 तक 15 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी, जिसमें 450 किसान लाभान्वित होंगे. प्रस्तावित योजान से उद्यान स्थापना के लिए 8 लाख प्रति एकड़ पर 80 फीसदी राज्य सहायता का प्रावधान है, बाकी 20 फीसदी किसान वहन करेंगे. फिलहाल राज्य में लगभग 35 एकड़ में 70 मीट्रिक टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जा रहा है.

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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