कृषि विभाग बिहार ने आम के कीटों और रोगों से बचाव के लिए दिए सुझाव

कृषि विभाग बिहार ने आम के कीटों से बचाव के लिए सुझाव जारी किए हैं। किसान इस प्रकार से आम के पौधों को बीमारियों से बचा सकते हैं। कृषि विभाग ने मंजरों पर मधुआ कीट, दहिया कीट एवं पाउडरी मिल्ड्यू, एन्थ्रैकनोज रोगों से सुरक्षा के लिए तीन दवाइयों के छिड़काव का सुझाव दिया है।

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पहला छिड़कावमंजर आने से पहले सम्पूर्ण वृक्ष पर करें।

दूसरा छिड़काव – मंजरों में सरसों के बराबर दाना लग जाने पर कीटनाशी के साथ-साथ किसी एक फफूंदनाशी को मिलाएं। आम के टिकोले मटर के दाने के बराबर हो जाने पर छिड़काव करें।

तीसरा छिड़काव – आम के टिकोले मटर के दाने के बराबर छिड़काव करें।

क्रमांक अनुशंसित कीटनाशी पानी में रसायन की मात्रा
1इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस०एल०1 मि0ली0 प्रति 3 लीटर पानी 1 मिली
2डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ई०सी०1 मिली लीटर प्रति 1 लीटर पानी
3 थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत डब्लू0 जी0 अनुशंसित फफूँदनाशी1 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी
अनुशंसित फफूंद नाशी
1सल्फर 80 प्रतिशत धु०चू०3 ग्राम प्रति लीटर पानी
2कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत घु०चू०3 ग्राम प्रति लीटर पानी
3 कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घु०चु०1 ग्राम प्रति लीटर पानी
4हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत एस०सी०2 मि0 ली0 प्रति लीटर पानी
अनुशंसित पी०जी०आर०
1अल्फानेपथाईल एसीटिक एसीड 4.5 प्रतिशत एस०एल०4 मि0ली0 प्रति 10 लीटर पानी

1 . ग्राम प्रति लीटर पानी में मंजर के समय बुँदाबाँदी हो जाने पर घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम या हेक्साकोनाजोल का छिड़काव जरूर करना चाहिए।

2 . कीटनाशी के घोल तैयार करते समय कोई स्टीकर जरूर मिलाएं।

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3 . फल एवं मंजर को गिरने से बचाने के लिए दूसरे एवं तीसरे छिड़काव में कीटनाशक के तैयार घोल के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड 4.5% एस०एल० का 4 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर की दर से प्रयोग करें।

किसान अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के टोल-फ्री नंबर 18001801551 पर या अपने जिले के सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण से संपर्क कर सकते हैं।

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