तकनीक से तरक्की पार्ट-13: गन्ने की नर्सरी और हाई टेक खेती ने किया मालामाल

करनाल(हरियाणा)। “हमारे खेतों से गन्ने का बीज कई राज्यों में जाता है। कई राज्यों के किसान हमारे खेत का गन्ना अपने खेतों में लगाते हैं। हमारे पूर्वज खाली हाथ और नंगे पैर पाकिस्तान से आए थे। एक वक्त की रोटी भी मुश्किल थी।“ हरियाणा के करनाल जिले के कमालपुर गांव में रहने वाले किसान इंदरजीत सिंह कहते हैं।

कुछ लोग कहते हैं खेती में कुछ नही रखा है अगर इसपर निर्भर रहेंगे तो घर चलाना भी मुश्किल हो जायेगा। ऐसे में कई किसान खेती में तकनीक का प्रयोग करके अच्छा उत्पादन ले रहे हैं । किसान इंदरजीत सिंह गन्ना, गेहूं, धान की नई किस्मों कि खेती करते हैं। वे खेती में नई तकनीकि का प्रयोग करते हैं ।

इंदरजीत सिंह के गन्ने की खेती की चर्चा दूर-दूर तक होती है। प्रसिद्ध गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री बक्शी राम भी उनकी पीठ थपथपा चुके हैं। इंदरजीत मानते हैं कि उन्हें आगे बढ़ाने में मेहनत के साथ वैज्ञानिकों की बड़ी भूमिका रही है।खेती से  जुड़े काम करके अपने हर सपने को पूरा कर रहे हैं।

इंदरजीत गन्ना,गेहूं-धान की खेती भी नई विधि से करते हैं। बेड पर चुटकी विधि से बुवाई करते हैं। गन्ने के साथ गेहूं गन्ने की सहफसली खेती भी करते हैं। इस काम में उनका साथ उनके पिता हरबजन सिंह भी देते हैं।

इंदरजीत बताते हैं खेत में ड्रिप और स्प्रिंकलर लगने के बाद काम बहुत आसान हो गया। सिंचाई के लिए खेत में नही घुसना पड़ता । बटन दबाते ही खेत में पानी चलने लगता। वे आगे बताते हैं माइक्रो इरिगेशन से हमें काफी फायदा हुआ है  पिछले साल जब हीटवेव में बहुत सारे किसानों के गेहूं की फसल को नुकसान हुआ था, तब भी हमारे खेत में पैदावार ज्यादा ही रही थी।

कनीक से तरक्की सीरीज – न्यूज पोटली और जैन इरिगेशन की जागरुकता मुहिम है, सीरीज में उन किसानों की कहानियों को शामिल किया जा रहा है, जो खेती में नए प्रयोग कर, नई तकनीक का इस्तेमाल कर मुनाफा कमा रहे हैं। ड्रिप इरिगेशन, आटोमेशन, फर्टिगेशन सिस्टम आदि की विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें-

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