नैनो DAP लिक्‍विड

IFFCO की दो नई यूनिट फूलपुर और आंवला में नैनो DAP लिक्‍विड का उत्‍पादन हुआ शुरू, जानिए कितनी है क्षमता

इफको ने उत्तर प्रदेश में आंवला, बरेली और फूलपुर, प्रयागराज में अपने दो और नैनो यूनिट्स में इफको नैनो डीएपी लिक्विड का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है। दोनों नैनो उर्वरक यूनिट्स की क्षमता प्रतिदिन 2-2 लाख बोतल उत्पादन की है। उत्पादन में इस वृद्धि से देश में नैनो डीएपी लिक्विड की आपूर्ति बढ़ेगी और यह देश भर के हमारे किसानों को आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।

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ग्रीष्मकालीन जुताई

ग्रीष्मकालीन जुताई कब करें? मानसून आने से पहले किसान कर लें ये काम, बढ़ेगी पैदावार

बेहतर उत्पादन के लिए खेत की जुताई एक महत्वपूर्ण क्रिया है। तेज धूप में गहरी जुताई करने से मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणु खत्म हो जाते हैं. ग्रीष्मकालीन जुताई मई-जून के दौरान मानसून आने से पहले की जाती है. ग्रीष्मकालीन जुताई कम लागत में गुणवत्तायुक्त उत्पादन में सहायक है. इसलिए किसान अपने खेतों की जुताई मानसून से पहले कर लें. इससे आगामी फसल की बेहतर पैदावार होगी. इसको लेकर कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. 

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ उत्पादन में 12 प्रतिशत वृद्धि कर 293 लाख टन करने का रखा लक्ष्य

उत्तर प्रदेश नई खरीफ रणनीति के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए तैयार है, जिसका लक्ष्य खाद्यान्न और तिलहन उत्पादन में 12% की वृद्धि कर 293 लाख टन करना है। इस पहल का ध्यान बेहतर फसल नियोजन, मक्का और धान को बढ़ावा देने और जल संरक्षण के लिए 8,500 खेत तालाबों के निर्माण पर है। इससे किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण और गुणवत्तापूर्ण बीज और उर्वरकों तक पहुँच मिलेगी।

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खेत की मिट्टी की होगी जांच, 05 मई को विशेष अभियान के तहत नमूने जुटाएंगे कृषि विभाग के अधिकारी

पूरे उत्तर प्रदेश में 05 मई को विशेष अभियान के तहत खेत की मिट्टी की जांच की जाएगी, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने जुटाएंगे. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि खेतों की उर्वरता की जांच कर, ज़रूरी खाद और माइक्रोन्यूट्रिएंस डालने की सलाह दी जाएगी. इससे लागत में कमी और उत्पादकता में वृद्धि होगी.

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पायरिला कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए एडवाइज़री जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का गन्ना विभाग और किसान दोनों ही गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पाइरिला कीट के प्रकोप से परेशान हैं। रोग की गंभीरता को देखते हुए गन्ना आयुक्त कार्यालय ने सभी क्षेत्रों में गन्ना फसल में कीटों एवं रोगों के सर्वेक्षण के लिए गन्ना शोध परिषद एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय निरीक्षण कराया, जिसमें गन्ने में कीटों का प्रकोप पाया गया।

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गन्ना

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर, केंद्र ने गन्‍ने का FRP 15 रुपये बढ़ाया, 2025-26 के लिए 355 रुपये क्विंटल को दी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में आज गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए गन्‍ने का एफआरपी मूल्‍य बढ़ा दिया . नया मूल्‍य 2025-26 गन्ना के लिए 355 रुपये प्रति किविंटल को मंजूरी दी गई. इसमें 15 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. आपको बता दें कि प्रत्येक सीज़न में, केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर गन्ने की एफआरपी तय करती है. एफआरपी बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती है. एफआरपी की वास्तविक गणना सभी प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की उत्पादन लागत के आधार पर की जाती है.

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अंग्रेजी दवाओं की छुट्टी करेगा छांछ से बना ये Bio Pesticides, बनाने का तरीका समझिए…

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार बढ़ते प्रयोग से उत्पादन बढ़े या न बढ़े, उत्पाद की गुणवत्ता जरूर खराब हो रही है। इसके कई अन्य बुरे परिणाम भी हैं जैसे मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर, पर्यावरण को नुकसान आदि।इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी दे रही है। इसके साथ ही देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो बड़े पैमाने पर प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। उन्हीं किसानों में से एक हैं जोधपुर के मथानिया गांव के प्रगतिशील किसान रतनलाल डागा, जो 60 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।

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गन्ना

गन्ना और चीनी उद्योग को लेकर क्या है योगी सरकार का प्लान?

देश के गन्ना एवं चीनी उद्योग में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। राज्य में इस उद्योग को और आगे बढ़ाने और किसानों को लाभ देने के लिए राज्य की योगी सरकार ने वर्ष 2027-28 तक गन्ना और चीनी उद्योग के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) को मौजूदा 1.32 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा है।इसके लिए राज्य के गन्ना किसानों को कम लागत में बेहतर और अधिक उत्पादन लेने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करेगी 2500 करोड़ रुपए

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले दो साल में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है. रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड और गंगा के तटवर्ती इलाकों के बाद गंगा की सहायक नदियों के दोनों किनारों पर भी सरकार प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ा रही है. इसके लिए ‘कृषि सखियों’ की नियुक्ति की जाएगी और हर जिले में दो ‘बायो-इनपुट रिसर्च सेंटर (बीआरसी) भी खुलेंगे. 

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गन्ने की खेती

गन्ने की फसल में बढ़ रहा है टॉप बोरर का प्रकोप, जानें रोकथाम के लिए वैज्ञानिक की सलाह

वर्तमान में किसानों ने ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुवाई की हुई है। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान इन दिनों टॉप बोरर यानि चोटी बेधक कीट से बहुत परेशान हैं। टॉप बोरर की पहली पीढ़ी खेतों में बहुत ज्यादा संख्या में देखी जा रही है। पिछले 2-3 वर्षों में इस कीट ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। प्रशिद्ध गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री बक्शीराम यादव ने किसान को इससे बचाव के कुछ सुझाव दिए हैं।

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