रबी सीजन

रबी सीजन में 362.50 मिलियन टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य, खाद बनी बड़ी चुनौती

केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2025-26 में 362.50 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है। बीजों की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन खाद की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। यूपी ने यूरिया की कीमत बढ़ाने और खाद बिक्री को पीएम-किसान पोर्टल से जोड़ने का सुझाव दिया। 3 अक्टूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू होगा।

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अफीम खेती

मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी के 1.21 लाख किसानों को मिलेगा अफीम खेती का लाइसेंस

सरकार ने 2025-26 के लिए अफीम खेती की नई लाइसेंसिंग नीति जारी की है। इस बार 1.21 लाख किसान शामिल होंगे, जो पिछले साल से 23.5% ज्यादा है। अच्छे उत्पादन वाले किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि कम उत्पादन वालों के लाइसेंस निलंबित होंगे।

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खरीफ सीजन

धान की खेती पर संकट: क्षेत्रफल बढ़ा, लेकिन पैदावार में गिरावट की आशंका

इस साल खरीफ सीजन में धान उत्पादन घटकर 120-121 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 121.85 मिलियन टन था। ज्यादा बारिश, बाढ़ और यूरिया की कमी से नुकसान हुआ है। क्षेत्रफल 5% बढ़ने के बावजूद पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों में गिरावट की आशंका है, हालांकि यूपी और पश्चिम बंगाल में अच्छी पैदावार की उम्मीद है।

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उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद

उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद, खेती का क्षेत्र 14 लाख हेक्टेयर बढ़ा

इस खरीफ सीजन में उत्तर प्रदेश में बंपर पैदावार की उम्मीद है, क्योंकि खेती का क्षेत्र पिछले साल से 14 लाख हेक्टेयर बढ़कर 138.40 लाख हेक्टेयर हो गया है। धान और बाजरा में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जबकि गन्ने का रकबा थोड़ा घटा है। दलहन और तिलहन की बुवाई भी बढ़ी है। मौसम लगभग सामान्य रहा और पश्चिमी यूपी में अच्छी बारिश से फायदा मिला है। मार्केटिंग सुधार और बेहतर दाम के कारण किसान अब विविध फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं।

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FPO

एफपीओ की संख्या बढ़ी, लेकिन आर्थिक मदद और सहयोग की जरूरत: रिपोर्ट

भारत में 44,000 से ज्यादा एफपीओ बने हैं, जिन्होंने किसानों को ताकत दी है, लेकिन ज़्यादातर पूंजी, कुशल संसाधन और प्रबंधन की कमी से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि उन्हें टिकाऊ बनाने के लिए वित्तीय मदद और संस्थागत सहयोग ज़रूरी है।

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यूपी सरकार का प्रस्ताव

विवाहित बेटियों को मिलेगा पिता की कृषि भूमि में हिस्सा, यूपी सरकार का प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। मौजूदा कानून (राजस्व संहिता-2006) के तहत अभी केवल विधवा पत्नी, पुत्र और अविवाहित पुत्री को ही जमीन में अधिकार मिलता है। लेकिन अब धारा 108(2) से “अविवाहित” शब्द हटाने का प्रस्ताव है। इससे विवाहित और अविवाहित बेटियों में भेदभाव खत्म होगा और दोनों को बराबरी से हिस्सा मिलेगा। मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह व्यवस्था पहले से लागू है। यूपी में यह प्रस्ताव कैबिनेट और सदन से मंजूरी मिलने के बाद कानून बनेगा।

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यूपी सरकार

सरसों व राई की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त बीज देगी यूपी सरकार, 25 सितंबर तक करें आवेदन

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को सरसों और राई की खेती के लिए 2 किलो मुफ्त बीज मिनीकिट देगी। किसान 1 से 25 सितंबर 2025 तक कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। ज़्यादा आवेदन आने पर चयन ऑनलाइन लॉटरी से होगा और चुने गए किसानों को बीज सरकारी भंडारों से POS मशीन के जरिए मिलेगा। योजना का मकसद तिलहनी फसलों का उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाना है।

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उत्तर प्रदेश

गन्ना खेती में नई क्रांति: NSI और UPCSR मिलकर करेंगे ब्रीडर सीड का उत्पादन

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए NSI कानपुर और UPCSR शाहजहाँपुर के बीच समझौता हुआ है। NSI अपनी 52 एकड़ भूमि पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रीडर सीड गन्ने का उत्पादन करेगा और UPCSR तकनीकी सहयोग व प्रशिक्षण देगा। इस पहल से हर साल किसानों को लगभग 15,000 अतिरिक्त ब्रीडर सीड गन्ना मिलेगा, जिससे उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ेगी।

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भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR)

15 सितंबर से शुरू होगा गेहूं-जौ बीज का पंजीकरण, किसानों को मिलेगी उन्नत किस्में

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) 15 सितंबर से अपना बीज वितरण पोर्टल खोलेगा। किसान इसमें पंजीकरण कर उन्नत किस्मों के गेहूं और जौ के बीज ले सकेंगे। बीज वितरण “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर होगा। गेहूं की DBW-187, DBW-372, DBW-327, DBW-371 और HD-3226 जैसी उच्च पैदावार और रोग-प्रतिरोधी किस्में किसानों को मिलेंगी। जौ की खेती करने वालों को भी नई किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी।

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भारत का विकास

मजबूत हुआ भारत का विकास, कृषि क्षेत्र में 3.7% की छलांग, GDP पहुँची 7.8%

भारत की GDP ग्रोथ पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में 7.8% रही, जो अनुमान से कहीं ज़्यादा है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी 1.5% से बढ़कर 3.7% हो गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे किसानों, वैज्ञानिकों और 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत “Dead Economy” नहीं, बल्कि “Long Live Economy” है और विकसित भारत की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

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