इस बार टमाटर के रेट इतने गिर गए हैं कि, किसानों के लिए लागत निकालने मुश्किल हो गया है। किसान 2-5 रुपये में टमाटर बेचने को मजबूर हैं।

कौड़ियों के भाव टमाटर बेचने को क्यों मजबूर हुए किसान?

इस बार ज्यादातर किसान टमाटर का रेट गिरने की वजह से परेशान हैं। वो 2-5 रुपये किलो टमाटर बेच रहे हैं। खेती सिर्फ मेहनत का नहीं, जोखिम का भी दूसरा नाम है। एक तरफ मौसम की मार, तो दूसरी तरफ मंडी के दाम। आज का किसान हर मोर्चे पर जूझ रहा है। इस वक्त देश…

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आलू , प्याज़ और टमाटर की बढ़ती क़ीमतों ने बिगाड़ा आम लोगों का किचन बजट


देश के उपभोक्ता मामलों का एक विभाग है जो रोज इस्तेमाल में आ रही चीजों पर रिपोर्ट जारी करता है. इसे कहते हैं दैनिक खुदरा रिपोर्ट. यह रिपोर्ट जो सब्जियों के दाम के बारे में कह रही है वह आम आदमी के लिए ठीक खबर तो नहीं ही है. रिपोर्ट के अनुसार, आलू की कीमत का राष्ट्रीय औसत लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 93 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है.

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टमाटर की महंगाई: किसान या व्यापारी कौन कमा रहा है महंगाई में मुनाफा?

“जब टमाटर महँगा हुआ तो हमारे खेत में माल नहीं है, 15-20 दिन पहले रोज़ 10- 20 कैरेट माल निकलता था तो 3 रुपए से 10 रुपए किलो में बेचना पड़ रहा था, अब 100 रुपए का भाव है तो खेत से 2 कैरेट (प्रति कैरेट 25 किलो) मुश्किल से निकल रही। भाव इसीलिए बढ़ा है क्योंकि ज़्यादातर किसानों के खेत में फसल ख़त्म हो गई है, इसका कोई ख़ास फ़ायदा नहीं।”

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