2034 तक भारत में 22% चीनी का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में होगा, अभी 9% चीनी का होता है इस्तेमाल: रिपोर्ट

भारत के संदर्भ में, रिपोर्ट में कहा गया है कि गन्ना आधारित इथेनॉल उत्पादन को इस क्षेत्र में विविधता लाने के सरकारी उपायों से समर्थन मिलेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत, वैश्विक व्यापार में केवल 8 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ, ब्राज़ील और थाईलैंड के बाद चीनी निर्यातक के रूप में तीसरे स्थान पर बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के चीनी उत्पादन में इथेनॉल का लगभग 9 प्रतिशत उपयोग होता है और 2034 तक इसके 22 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।

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यूपी

यूपी के Ex Army man ने शुरू की गन्ने की जैविक खेती, Processing और Marketing से होती है अच्छी कमाई

‘अगर कोई भारत को विकसित कर सकता है तो वह कृषि है.’ ये कहना है किसान हरप्रीत सिंह का. हरप्रीत, यूपी के लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं. खेती शुरू करने से पहले वो सेना में थे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने वापस घर आकर कुछ और करने के बजाय खेती शुरू की क्योंकि खेती में…

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योगी सरकार

योगी सरकार ने प्रदेश में गन्‍ना भुगतान में देरी करने वाले 6 चीनी मिलों के खिलाफ वसूली के लिए जारी किए निर्देश

योगी सरकार ने गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए चीनी मिलों के लिए निर्देश जारी किए हैं. वर्तमान में 6 चीनी मिलों को निर्देशों के अनुसार समय पर भुगतान नहीं करने के कारण उनके खिलाफ वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं. जिसमें बरखेड़ा-पीलीभीत, मकसूदापुर-शाहजहांपुर, बहेड़ी और नवाबगंज-बरेली, कुन्दुरखी-गोण्डा और मलकपुर-बागपत चीनी मिल शामिल हैं.

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भारत

भारत में सोयाबीन की खेती का रकबा घटेगा.. करना पड़ेगा आयात, जानिए इसकी जगह कौन सी फसल पसंद कर रहे किसान

इस साल भारतीय किसानों द्वारा सोयाबीन की खेती कम करने की उम्मीद है, संभवतः बेहतर लाभ के कारण वे मक्का और गन्ने की खेती की ओर रुख करेंगे। इस बदलाव के कारण घरेलू सोयाबीन उत्पादन में कमी आ सकती है, जिससे भारत को इंडोनेशिया, मलेशिया, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देशों से पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल जैसे खाद्य तेलों का आयात बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

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उत्पादन में गिरावट के बावजूद भारत का चीनी का अंतिम स्टॉक 2025 के अंत तक की मांग के लिए पर्याप्त है: NFCSF

मई के मध्य तक भारत के चीनी उत्पादन में 18.38% की गिरावट के साथ 25.74 मिलियन टन होने के बावजूद, समापन स्टॉक 4.8-5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो नवंबर 2025 तक घरेलू मांग के लिए पर्याप्त है। NFCSF को बेहतर मानसून और गन्ने की बुवाई में वृद्धि के कारण अगले सीजन में उत्पादन में उछाल की उम्मीद है। NFCSF ने सरकार से न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने और इथेनॉल उत्पादन का समर्थन करने को भी कहा है।

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पायरिला कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए एडवाइज़री जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का गन्ना विभाग और किसान दोनों ही गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पाइरिला कीट के प्रकोप से परेशान हैं। रोग की गंभीरता को देखते हुए गन्ना आयुक्त कार्यालय ने सभी क्षेत्रों में गन्ना फसल में कीटों एवं रोगों के सर्वेक्षण के लिए गन्ना शोध परिषद एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्रीय निरीक्षण कराया, जिसमें गन्ने में कीटों का प्रकोप पाया गया।

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गन्ना

गन्ना और चीनी उद्योग को लेकर क्या है योगी सरकार का प्लान?

देश के गन्ना एवं चीनी उद्योग में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। राज्य में इस उद्योग को और आगे बढ़ाने और किसानों को लाभ देने के लिए राज्य की योगी सरकार ने वर्ष 2027-28 तक गन्ना और चीनी उद्योग के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) को मौजूदा 1.32 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा है।इसके लिए राज्य के गन्ना किसानों को कम लागत में बेहतर और अधिक उत्पादन लेने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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गन्ने की खेती

गन्ने की फसल में बढ़ रहा है टॉप बोरर का प्रकोप, जानें रोकथाम के लिए वैज्ञानिक की सलाह

वर्तमान में किसानों ने ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुवाई की हुई है। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान इन दिनों टॉप बोरर यानि चोटी बेधक कीट से बहुत परेशान हैं। टॉप बोरर की पहली पीढ़ी खेतों में बहुत ज्यादा संख्या में देखी जा रही है। पिछले 2-3 वर्षों में इस कीट ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। प्रशिद्ध गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री बक्शीराम यादव ने किसान को इससे बचाव के कुछ सुझाव दिए हैं।

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गन्ना किसानों

यूपी के 1520 मास्टर ट्रेनर्स को शाहजहाँपुर में दी जा रही है गन्ना खेती की ट्रेनिंग, ये किसानों को सिखायेंगे खेती का तरीका

शाहजहाँपुर, यूपी। गन्ना किसानों की आय में वृद्धि और कृषि पद्धतियों में तकनीकी सुधार के उद्देश्य से शुरू किए गए ’’मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ की शुरुआत वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार सुरेश खन्ना द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य भर से चयनित कुल 1520 मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दिया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर्स आगे चलकर न्याय पंचायत स्तर पर कृषकों को ट्रेनिंग देंगे, जिससे गन्ना किसानों की उपज क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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गन्ने की फसल

गन्ने की फसल में बढ़ रहा है फड़का रोग का प्रकोप, गन्ना वैज्ञानिक से जानें उपचार के तरीके

गन्ना एक नकदी फसल है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। गन्ना किसानों की आय का एक मुख्य स्रोत भी है। आपको बता दें कि भारत में गन्ने की सबसे ज्यादा खेती उत्तर प्रदेश में होती है। यहां 28.53 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गन्ने की खेती होती है, जिस पर लगभग 839 कुंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने का उत्पादन होता है। वर्तमान में प्रदेश के किसानों ने ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुवाई की हुई है। इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में किसान फसल में पाइरीला का प्रकोप देख रहे हैं। पाइरीला को किसान फड़का रोग भी कहते हैं। इस रोग से बचाव के लिए प्रसिद्ध गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री बक्शीराम यादव ने किसानों को कुछ जरुरी टिप्स दिये हैं।

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