दलहन आत्मनिर्भरता मिशन

‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ से बढ़ेगी देश की दाल उत्पादन क्षमता

प्रधानमंत्री मोदी 11 अक्टूबर को ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे। इसका लक्ष्य तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों का उत्पादन बढ़ाकर देश को आत्मनिर्भर बनाना है। योजना में किसानों से MSP पर 100% खरीद, क्षेत्रफल विस्तार और उत्पादकता बढ़ाने के उपाय शामिल हैं।

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पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन

पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन: भारत में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल

पल्सेज आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है और आयात पर निर्भरता कम करना है। मिशन के तहत तुअर, उरद और मसूर जैसी फसलों के लिए MSP आधारित खरीद और उन्नत बीज, सिंचाई, भंडारण व प्रसंस्करण सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, घरेलू दलहन आपूर्ति सुनिश्चित होगी और पोषण सुरक्षा मजबूत होगी। मिशन 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा और भारत को भविष्य में दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगा।

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NITI Aayog

NITI Aayog का प्लान: 2030 तक दालों में आत्मनिर्भर और 2047 तक दोगुना उत्पादन

नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2030 तक दालों में आत्मनिर्भर और 2047 तक उत्पादन दोगुना कर सकता है।2022 में 26.06 मिलियन टन उत्पादन हुआ था, जो 2030 तक 34.45 और 2047 तक 51.57 मिलियन टन पहुँच सकता है।इसके लिए क्लस्टर आधारित खेती, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, तकनीक और जलवायु अनुकूलन पर जोर दिया गया है। 2030 तक 3.79 मिलियन टन और 2047 तक 16.48 मिलियन टन अधिशेष दाल उपलब्ध होने की संभावना है।

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दालों में आत्मनिर्भरता की राह

दालों में आत्मनिर्भरता की राह, नीति आयोग ने पेश किया नया रोडमैप

नीति आयोग ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप जारी किया है। इसके तहत 1,000 करोड़ रुपये के दाल मिशन से उत्पादन बढ़ाने, बेहतर बीज, MSP, भंडारण और बाज़ार की सुविधा दी जाएगी। धान की खाली ज़मीन पर दाल बोकर उत्पादन 20 मिलियन टन तक बढ़ाया जा सकता है। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और 2030 तक बढ़ती मांग पूरी होगी।

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भारत सरकार

कीमतों में गिरावट के बीच किसानों ने भारत सरकार से दालों के आयात पर रोक लगाने का किया आग्रह

विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, भारत बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। भारतीय बाजारों में दालों का आयात लगातार बढ़ रहा है क्योंकि सरकार ने मार्च 2026 तक अरहर, पीली मटर और उड़द के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दे दी है।

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भारत

भारत का दाल उत्पादन 2034 तक 80 लाख टन बढ़ सकता है: रिपोर्ट

OECD-FAO एग्रीकल्चर आउटलुक 2025–2034 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अगले 10 वर्षों में भारत में दालों का उत्पादन लगभग 80 लाख टन बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल भारत में हर साल 25.2 लाख टन से ज्यादा दालों का उत्पादन होता है, जो 2034 तक तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

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pulses

World Pulses Day: क्या “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” से कम होगा दालों का आयात?

आज विश्व दलहन दिवस है. दालें हमारे आहार में प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं. अपने आहार में नियमित रूप से दालों को शामिल करना चाहिए. देश के किसानों की मेहनत का नतीजा है कि भारत में दलहन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” नामक छह साल की पहल के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा भी की है।

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