दाल

दाल की खेती के कितने फायदे?

आप जानकर हैरान होंगे कि वित्त वर्ष 2024 में भारत का दाल आयात 84% बढ़कर छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।आपको बता दें कि भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक (वैश्विक उत्पादन का 25%), उपभोक्ता (विश्व खपत का 27%), तथा आयातक (दालों का 14%) है।

पूरी र‍िपोर्ट
मसूर की दाल

सरकार ने पीली मटर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को 31 मई तक बढ़ाया, साथ ही मसूर दाल पर आयात शुल्क घटाकर 5% किया

भारत सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 8 मार्च से मसूर की दाल पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है। इसके अलावा, पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले, भारत ने मसूर की दाल के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दी थी और 2024 में 30 लाख टन पीली मटर का आयात किया था।

पूरी र‍िपोर्ट
PULSES

2024 के दौरान दालों का इम्पोर्ट दोगुना होकर रिकॉर्ड 66.33 लाख टन पहुँचा

भारत में दाल की खेती प्रमुखता से की जाती है. दालें हमारे आहार का अहम हिस्सा हैं इसलिए बाज़ार में मांग हमेशा बनी रहती है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक़ भारत विश्व में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक (वैश्विक उत्पादन का 25%), उपभोक्ता (विश्व खपत का 27%) और आयातक (14%) है. खबर है कि भारत का दाल आयात कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान लगभग दोगुना होकर रिकॉर्ड 66.33 लाख टन हो गया है. यह आयात शुल्क मुक्त करने के सरकार के कदम के बाद हुआ है, ताकि आपूर्ति को बढ़ावा दिया जा सके और वर्ष के दौरान घरेलू उत्पादन में कमी के कारण कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके.

पूरी र‍िपोर्ट