
पूरी दुनिया के लिए सहकारिता एक आर्थिक व्यवस्था है, लेकिन भारत के लिए यह पारंपरिक जीवन-दर्शन है: अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुंबई में ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि पूरी दुनिया के लिए सहकारिता एक आर्थिक व्यवस्था हो सकती है, लेकिन भारत के लिए सहकारिता पारंपरिक जीवन दर्शन है। साथ रहना, सोचना, काम करना, साथ ही एक लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाना और सुख-दुख में साथ निभाना भारतीय जीवन दर्शन की आत्मा है। उन्होंने कहा कि लगभग सवा सौ साल पुराना सहकारिता आंदोलन इस देश के कई उतार-चढ़ाव में देश के गरीबों, किसानों और ग्रामीण नागरिकों, खासकर महिलाओं, का सहारा बना है।