केंद्रीय कृषि मंत्री का बड़ा ऐलान..झारखंड के किसानों को प्रति एकड़ 5000 रुपये देंगे और धान का दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का भी किया वादा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड(Jharkhand) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अगर झारखंड में बीजेपी की सरकार आती है तो किसानों को पाँच एकड़ तक के लिए सालाना 5000 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी और किसानों से 3100 रुपए प्रति एकड़ की रेट से धान की ख़रीद की जायेगी।

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केंद्र ने 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों के राहत के लिए जारी किए 5,858 करोड़ की धनराशि, बिहार को मिला 655.60 करोड़

देश में कुल 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से राहत राशि जारी की गई है।मंत्रालय ने इन राज्यों को राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) से कुल 5,858.60 करोड़ रुपये दी, जिसमें बिहार को बाढ़ से बदहाली से राहत के लिए केंद्र ने 655.60 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। 


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बदलाव संस्था की ‘भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान’ के तहत लखनऊ में 485 भिखारी भीख माँगना छोड़कर करने लगे रोज़गार, लेकिन ये हुआ कैसे?

लखनऊ में बदलाव संस्था द्वारा संचालित ‘भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान’ के 2 अक्टूबर को 10 साल पूरे हुए. इस संस्था द्वारा अबतक भीख मांगने के काम में जुड़े 485 लोगों को पुनर्वास किया.

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पंजाब में पराली जलाने पर होगी कड़ी कारवाई, राज्य सरकार ने नियुक्त किए 8 हजार से ज्यादा नोडल अधिकारी

पंजाब सरकार ने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और पराली के सुचारू प्रबंधन के लिए 8045 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है।पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने धान की कटाई के मौसम में पराली जलने की घटनाओं को रोकने के लिए 79 एसडीएम, 108 तहसीलदार, 108 डीएसपी, 1140 क्लस्टर अधिकारियों और अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।

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आज से शुरू होगी गन्ना बीज की ऑनलाइन बुकिंग, ICAR -IISR, लखनऊ ने जारी किए निर्देश, ऐसे मिलेगा किसानों को गन्ना बीज

शरदकालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 सितंबर से अक्टूबर तक का समय सबसे बेहतर माना जाता है।सितम्बर में जब वर्षा समाप्त हो जाती है और ठंड शुरू हो रही होती है, तो उस वक्त गन्ने का बुवाई कार्य शुरू कर देना चाहिए. इससे गन्ने की अच्छी ग्रोथ के साथ बेहतर उपज मिलती है। लेकिन गन्ने की बुवाई के लिए गन्ने के बीज का चुनाव बहुत ज़रूरी है।

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मध्य प्रदेश: बारिश से अंकुरित होने लगी सोयाबीन, किसान बोले- मुआवजा और फसल बीमा से भरपाई करे सरकार

मध्य प्रदेश के मंदसौर, रतलाम, देवास और नीमच समेत कई जिलों में 28-30 सितंबर तक कई इलाकों में सोयाबीन की फसलें डूबी नजर आईँ। किसान घुटने-घुटने तक पानी में फसल को बचाने के लिए जद्दोजहद करते दिखाई दिए। अंचल क्षेत्र के किसानों का कहना है उनकी 80 फीसदी फसल का नुकसान हो चुका है।

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गुलाब की खेती, महका देगी आपकी ‘तिजोरी’

परंपरागत खेती से अलग हट कर कुछ करने की सोच रहे किसान भाइयों के लिए वैसे तो कई विकल्प हैं, लेकिन गुलाब के फूलों की खेती ऐसा जरिया बन सकता है, जिससे वो कम लागत में ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। ये तो आप जानते ही हैं कि पिछले कुछ सालों में शादियों से लेकर पूजा और लोगों के स्वागत के लिए माला बनाने तक में गुलाब के फूल का इस्तेमाल काफी बढ़ा है।

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चाइनीज़ लहसुन पर देशभर में बवाल, ऐसे करें असली लहसुन की पहचान

देश में चोरी छिपे इंपोर्ट हो रहे चाइनीज़ लहसुन का मामला कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इसकी बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि, चाइनीज़ लहसुन सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2014 में इस पर प्रतिबंधित लगा दिया था। अदालत में सुनवाई के दौरान वादी आधा किलो लहसुन लेकर पहुंचा।

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कब मिलेगी किसान सम्मान निधि की अगली किस्त, ऐसे पता करें

किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त का इंतजार कर रहे अन्नदाताओं के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उनके खाते में किस्त की रकम क्रेडिट हो सकते हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर के महीने में लाभार्थियों के खाते में किस्त जमा होने की उम्मीद है। हालांकि सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई आधिकारी बयान नहीं आया है। बता दें कि DBT के जरिए साल भर में 6000 रुपये किसान परिवार के बैंक अकाउंट में तीन मासिक किस्तों में ट्रांसफर किया जाता है। हर किस्त में 2000 रुपये जमा होते हैं।

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Photo : News Potli

बुन्देलखंड का करेला किंग

उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में फैला बुंदेलखंड भारत के सबसे ज़्यादा सूखा ग्रस्त इलाक़ों में से एक है, पानी की कमी, बदलते मौसम की मार, बंजर ज़मीनें यहाँ के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है। लेकिन चित्रकूट ज़िले के मऊ तहसील में रहने वाले किसान इंद्र कुमार मौर्य की खेती में सफलता कुछ और कहानी कहती है।

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