IFFCO

IFFCO ने के. जे. पटेल को नियुक्त किया नया प्रबंध निदेशक

सहकारी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इफको ने के. जे. पटेल को अपना नया प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त किया है। पूर्व प्रमुख यू. एस. अवस्थी का कार्यकाल आज यानी बृहस्पतिवार को समाप्त हो रहा है। के. जे.पटेल अभी तक इफको में निदेशक (तकनीकी) थे।

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भारत सरकार

कीमतों में गिरावट के बीच किसानों ने भारत सरकार से दालों के आयात पर रोक लगाने का किया आग्रह

विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, भारत बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। भारतीय बाजारों में दालों का आयात लगातार बढ़ रहा है क्योंकि सरकार ने मार्च 2026 तक अरहर, पीली मटर और उड़द के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दे दी है।

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ICRISAT

ICRISAT और ICAR ने शुरू कीं AI आधारित व्यक्तिगत कृषि सलाहकार सेवाएं

ICRISAT और ICAR ने AI आधारित व्यक्तिगत कृषि सलाहकार सेवाएं शुरू की हैं। इसका उद्देश्य छोटे किसानों को अति-स्थानीय, क्रियाशील मौसम और जलवायु संबंधी जानकारी देना है, जिससे वे बढ़ती जलवायु परिवर्तनशीलता के बीच सूचित निर्णय लेने में सक्षम हो सकें।

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कृषि मंत्री

यूपी के वाराणसी से इस दिन किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी PM Kisan की 20वीं किस्त, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त उत्तर प्रदेश के वाराणसी से 2 अगस्त को देश भर के सभी किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इसकी जानकारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर पोस्ट के जरिए दी।

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बरसात में अमरूद पर कहर बनकर टूटता है एन्थ्रक्नोज़, लक्षण और प्रबंधन जानिये

अमरूद एन्थ्रेक्नोज के प्रबंधन में निवारक उपायों और उपचार रणनीतियों का संयोजन शामिल है। एन्थ्रेक्नोज एक कवक रोग है जो कोलेटोट्राइकम ग्लियोस्पोरियोइड्स के कारण होता है और यह पत्तियों, तनों और फलों सहित अमरूद के पेड़ के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। अमरूद एन्थ्रेक्नोज को प्रबंधित करने के लिए क्या करना चाहिए जानिए पूसा समस्तीपुर, पादप रोगविज्ञान एवं नेमेटोलॉजी, विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के. सिंह से।

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भारतीय चाय उद्योग चुनौतियों से जूझ रहा है: भारतीय चाय संघ

भारतीय चाय संघ की रिपोर्ट के अनुसार, चाय उद्योग गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। 2024 में मौसम और कीटों के कारण उत्पादन में कमी देखी गई। 2025 में पश्चिम बंगाल और असम के लिए कम उत्पादन चिंता का विषय है। चाय की नीलामी की कीमतों में गिरावट आई है। 2024 में आयात में वृद्धि हुई, जिससे कीमतों पर असर पड़ा। चाय के निर्यात में मामूली गिरावट देखी गई। उद्योग इन चुनौतियों का सामना कर रहा है।

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भारी बारिश

उत्तर गुजरात में भारी बारिश का कहर: बनासकांठा में 10,000 एकड़ खेती की जमीन जलमग्न, किसानों के सपने डूबे

उत्तर गुजरात में मानसून इस बार किसानों के लिए आफत बनकर आया है। बीते दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने बनासकांठा जिले में तबाही मचा दी है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार डीसा तालुका और आसपास के गांवों में करीब 9 इंच बारिश दर्ज की गई है, जिसके चलते खेतों में 5 से 6 फीट तक पानी भर गया है। करीब 10,000 एकड़ उपजाऊ जमीन जलमग्न हो गई है और किसानों की मेहनत का फल – खासकर मूंगफली की फसल – पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

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फॉल आर्मीवर्म

मक्के की फसल में Fall Armyworm कीट का बढ़ा खतरा, हिमाचल के किसानों के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

कृषि विभाग के मुताबिक हिमाचल के ऊना, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा जिले में मक्‍का की फसल पर फॉल आर्मीवर्म का प्रकोप देखने को मिल रहा है.फॉल आर्मीवर्म एक बेहद विनाशकारी कीट है जो मक्के की पूरी फसल को नष्‍ट कर देता है.

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MSP

‘किसानों की आय दोगुनी कर रहे हैं, MSP भी बढ़ा रहे हैं और KCC पर सस्ता ऋण भी उपलब्ध करा रहे हैं’ लोकसभा में बोले चौहान

हम किसानों की आय दोगुनी कर रहे हैं। इसके लिए MSP भी बढ़ा रहे हैं, रिकॉर्ड खरीदी भी कर रहे हैं और किसान क्रेडिट कार्ड पर सस्ता ऋण भी उपलब्ध करा रहे हैं। दलहन और तिलहन की खरीदी के लिए भी सरकार ने पीएम-आशा योजना बनाई है। Tenant farmers को भी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने का प्रयत्न किया जा रहा है।लोकसभा ने पूछे गए एक सवाल के उत्तर में बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

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KHARIF

25 जुलाई तक खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 829.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा, धान, मूंग और मक्का के रकबे में बढ़ोतरी

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर 25 जुलाई तक बुवाई का रकबा 829.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 797.7 लाख हेक्टेयर था. धान, मूंग और मक्का उन फसलों में शामिल हैं जिनके रकबे में सबसे ज्‍यादा इजाफा देखा गया है. जबकि कपास, सोयाबीन, अरहर और उड़द का रकबा पिछले साल की तुलना में कम बना हुआ है. 

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