हिमाचल

नौकरी छोड़ शुरू की खेती, हिमाचल के सुशील शर्मा अब सेब के बाग से कमा रहे हैं लाखों

हिमाचल के किसान सुशील शर्मा गाला और स्पर वैरायटी सेब की खेती से सालाना 8 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई रहे हैं। उन्होंने महंगे पौधों की जगह खुद ग्राफ्टिंग कर सस्ता पौधा तैयार किया। साथ ही उन्होंने बाग में इंटर क्रॉपिंग, ड्रिप इरीगेशन और एंटी हेल नेट से उत्पादन और क्वालिटी दोनों बढ़ाई है। लॉकडाउन में नौकरी छूटने के बाद शुरू हुई उनकी खेती आज सफलता की मिसाल बन गई है।

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लहसुन की खेती

इस विधि से करें लहसुन की खेती, 30 फीसदी अधिक उत्पादन की गारंटी

Mulching तकनीक एक ऐसी विधि है, जिसमें प्लास्टिक शीट या दूसरे जैविक पदार्थों से मिट्टी को ढक दिया जाता है। इससे खरपतवार नहीं उगती, मिट्टी में नमी बनी रहती है और पोषण का अधिकतम उपयोग संभव होता है।

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बिहार

बिहार में कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा, सरकार मल्चिंग पर दे रही 50 फीसदी सब्सिडी

बिहार सरकार ने प्रदेश कृषि क्षेत्र में नवाचार लाने और किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव रखा है. इस योजना का उद्देश्य है खेती में प्लास्टिक, जूट और एग्रो-टेक्सटाइल मल्च (Mulch) का इस्तेमाल बढ़ाना, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़े, पानी की बचत हो और किसानों की आमदनी भी बढ़े. राज्य सरकार की यह पहल सस्टेनेबल और क्लाइमेट-फ्रेंडली खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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लहसुन

Mulching विधि से लहसुन की खेती, लाखों की कमाई…रतलाम के इस किसान से जानिए तरीक़ा

“हमारा पुश्तैनी परिवार खेती करता रहा है। उस खेती से हटकर मैंने मल्चिंग तकनीक(Mulching) में खेती शुरू की। यह मेरा दूसरा साल है। शुरुआत में मुझे दिक्कतें हुईं। फिर मैंने ज़रूरत की मशीन मँगवा ली। सामान्य लहसुन और इस लहसुन में अंतर यह है कि इसकी गुणवत्ता बेहतर होता है और उत्पादन भी दोगुने से ज्यादा है।” यह कहना है किसान जगदीश पाटीदार का।

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खर-पतवार से मिलेगी मुक्ति, बिहार सरकार मल्चिंग लगाने पर दे रही है 50 फीसदी सब्सिडी

बिहार सरकार राज्य में किसानों को मल्चिंग तकनीक लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है। मल्चिंग से खेती में बहुत फ़ायदे होते हैं।इसके प्रयोग से पौधों में सिंचाई के लिए कम पानी लगता है और नमी बनी रहती है।खार पतवार को भी नियंत्रित करता है ये। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा।

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