बारिश

1-15 अगस्त के बीच मानसूनी बारिश 20 प्रतिशत कम, जानिए कहाँ कितनी हुई बारिश?

पूरे देश में 1-15 अगस्त के दौरान 107.2 मिमी बारिश हुई है, जो दीर्घावधि औसत (एलपीए) 133.3 मिमी से 19.6 प्रतिशत कम है, जिससे कुल मौसमी वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 100 प्रतिशत पर पहुँच गई है। हालाँकि, देश के कुल क्षेत्रफल के 9 प्रतिशत हिस्से वाले 4 राज्यों (बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय) के केवल तीन मौसम विज्ञान उपखंडों में 1 जून से 15 अगस्त के बीच कम बारिश हुई है।

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8 साल में यूपी ने खेती में रचा इतिहास, गेहूं-चावल से लेकर गन्ना, दलहन-तिलहन में रिकॉर्ड उत्पादनः सीएम योगी

पिछले 8 सालों में यूपी ने खेती में इतिहास रच दिया है। गेहूं-चावल से लेकर गन्ना, दलहन-तिलहन में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इसके अलावा योगी सरकार ने 31 सिंचाई परियोजनाएं पूरी कीं, जिसके कारण 23 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिल रही है। इतना ही नहीं राज्य का पिछले तीन वर्षों में 14% से अधिक कृषि विकास दर रही है जो राष्ट्रीय औसत 9.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।




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महाराष्ट्र में मानसून ने दी दस्तक…राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को अभी बुवाई ना करने की दी सलाह

महाराष्‍ट्र में 25 मई यानी रविवार को मॉनसून ने दस्तक दे दी. लेकिन उससे पहले प्री-मॉनसून की बारिश ने ही किसानों को बड़ा नुकसान कर दिया है. अब मॉनसून के आते ही किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. लेकिन कृषि विभाग की तरफ से किसानों को अभी बुवाई न करने की सलाह दी गई है.

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ग्रीष्मकालीन जुताई

ग्रीष्मकालीन जुताई कब करें? मानसून आने से पहले किसान कर लें ये काम, बढ़ेगी पैदावार

बेहतर उत्पादन के लिए खेत की जुताई एक महत्वपूर्ण क्रिया है। तेज धूप में गहरी जुताई करने से मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणु खत्म हो जाते हैं. ग्रीष्मकालीन जुताई मई-जून के दौरान मानसून आने से पहले की जाती है. ग्रीष्मकालीन जुताई कम लागत में गुणवत्तायुक्त उत्पादन में सहायक है. इसलिए किसान अपने खेतों की जुताई मानसून से पहले कर लें. इससे आगामी फसल की बेहतर पैदावार होगी. इसको लेकर कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. 

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बाढ़ग्रस्त इलाके में सूखा और सूखे इलाके में बाढ़ क्यों?

क्यों सूखे इलाके में बाढ़ की तस्वीरें हैं और भरपूर पानी वाले इलाकों में सूखा. पिछले दिनों राजधानी दिल्ली से लेकर बिहार तक हमने कई इलाके ऐसे देखे जहां पानी के लिए जद्दोजहद थी और उन्हीं जगहों के दूसरे इलाकों में बाढ़.

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ब‍िजली ग‍िरने की सूचना पहले ही दे देगा ये मोबाइल ऐप, यहां से फ्री में करें डाउनलोड

बिजली ग‍िरने की घटना एक ऐसी घटना है ज‍िसके बारे में हम सोचकर ही डर जाते हैं। लेकिन हाल के वर्षों से इसके बहुत नुकसान पहुंचाया है। पृथ्वी पर हर सेकंड लगभग 50 से 100 बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं। हाल के वर्षों में बिजली गिरने को भारत में अन्य सभी प्राकृतिक आपदाओं की…

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