मखाना खेती

जलवायु संकट से जूझ रही मखाना खेती..बिहार के किसानों की आजीविका पर मंडरा रहा खतरा

बिहार के मिथिला और सीमांचल क्षेत्र में मखाना सिर्फ एक खेती नहीं, बल्कि संस्कृति और लाखों लोगों की आजीविका का आधार है। देश के कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत हिस्सा बिहार से आता है, जहां लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसकी खेती होती है और सालाना करीब 10,000 टन पॉप्ड मखाना उत्पादित होता है, लेकिन मखाना फार्मिंग पर आई एक रिपोर्ट ने मखाना उत्पादक किसानों की जमीनी सच्चाई और बढ़ते जलवायु संकट की गंभीरता को उजागर किया है।

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अमेरिका तक पहुंचा बिहार का मखाना, औसतन उत्पादन 16 क्विंटल से बढ़कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हुआ

2012 तक राज्य में करीब 13 हजार हेक्टेयर भूमि पर मखाना की खेती होती थी, जो अब बढ़कर 35,224 हेक्टेयर तक पहुंच गई है. इसके साथ ही उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जहां पहले प्रति हेक्टेयर औसतन 16 क्विंटल उत्पादन होता था, वहीं अब यह बढ़कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया है.

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मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को मिलेगा लाभ, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों के साथ मखाना बोर्ड के गठन की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मखाना बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से बात की जाएगी। मंत्री ने कहा कि मखाना बोर्ड के बजट का 50% हिस्सा मखाना उत्पादन से जुड़े घटकों के लिए उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य में मखाना की खेती को बढ़ावा मिलने से किसानों को लाभ तो होगा ही साथ-साथ मखाना उद्योग का पूरा इकोसिस्टम भी मजबूत होगा, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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यूपी में मखाना की खेती का विस्तार, योगी सरकार दे रही है ₹40 हजार की सब्सिडी

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य में मखाना की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजना शुरू की है। इसके तहत मखाना की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपए की सब्सिडी दे रही है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से राज्य में मखाना की खेती का विस्तार होगा, उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में सुधार होगा।

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