कुल्लू-मनाली

लैंडस्लाइड में दबता विकास, कुल्लू-मनाली की बरसाती तबाही और उसका असर

अगस्त 2025 में भारी बारिश ने कुल्लू-मनाली घाटी में फिर से कहर बरपाया, जिससे सैकड़ों सड़कें और किरतपुर–मनाली फोरलेन जगह-जगह धंस गईं और कई दुकानें-घर ब्यास नदी में समा गए। पर्यटन पर गहरा असर पड़ा, वहीं किसानों की सेब और सब्ज़ियों की खेप मंडियों तक नहीं पहुँच पा रही है, जिससे करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अवैज्ञानिक निर्माण, फोरलेन परियोजना में पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई और जलवायु परिवर्तन ने आपदा की तीव्रता को और बढ़ाया है। यह स्थिति केवल प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि हिमालयी विकास मॉडल और पर्यावरणीय संतुलन को लेकर एक गंभीर चेतावनी है, जिस पर तत्काल और दीर्घकालिक रणनीति बनाने की ज़रूरत है।

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