हाई डेंसिटी फार्मिंग

हाई डेंसिटी फार्मिंग: कम जमीन में ज्यादा पैदावार का नया तरीका

हाई डेंसिटी फार्मिंग आधुनिक खेती की तकनीक है, जिसमें पौधों को कम दूरी पर ज़्यादा संख्या में लगाया जाता है ताकि कम ज़मीन से अधिक उत्पादन मिल सके। इसमें पौधों की छंटाई, आकार नियंत्रण, टपक सिंचाई और बेहतर किस्म के पौधों का इस्तेमाल किया जाता है। इस पद्धति से किसानों को जल्दी और बेहतर क्वालिटी की पैदावार मिलती है, जिससे मुनाफ़ा कई गुना बढ़ जाता है। इसका उपयोग आम, अमरूद, केला, संतरा और सब्ज़ियों की खेती में सबसे ज़्यादा होता है।

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उर्वरक कंपनियों ने सरकार से मांगी राहत

उर्वरक कंपनियों ने सरकार से मांगी राहत, कच्चे माल पर GST घटाने की अपील

फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) ने सरकार से मांग की है कि अमोनिया और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे कच्चे माल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया जाए, ताकि ये दरें तैयार उर्वरकों पर लगने वाले टैक्स के बराबर हो सकें। FAI का कहना है कि सब्सिडी टैक्स से बाहर होने के कारण कंपनियों के पास लगभग ₹5,500 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) फंसा हुआ है, जिससे उनकी कार्यशील पूंजी और कच्चा माल खरीदने की क्षमता प्रभावित हो रही है।

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बिहार

बांस मिशन योजना की शुरुआत, बिहार के किसानों को मिलेगा 50% अनुदान

सरकार ने 17 साल बाद फिर से बांस मिशन योजना शुरू की है। 10 से 50 डिसमिल जमीन पर बांस लगाने वाले किसानों को कुल खर्च का 50% अनुदान मिलेगा। रकम तीन किस्तों में दी जाएगी और सीधे बैंक खाते में जाएगी। योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लाभ मिलेगा। जिले में 17 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया है। बांस की खेती से किसानों को लंबे समय तक कमाई होगी क्योंकि इसकी बाजार में हमेशा मांग रहती है।

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शिवराज सिंह चौहान

इंटीग्रेटेड फार्मिंग से ही बढ़ेगी किसानों की आय : शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेंगलुरु में आईसीएआर संस्थानों का दौरा कर किसानों और वैज्ञानिकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी पर निर्भर नहीं रहेगा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग जरूरी है। चौहान ने पेस्टीसाइड के अधिक उपयोग को खतरनाक बताते हुए जैविक नियंत्रण पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि डेटा एनालिसिस से पशुओं की बीमारियों की समय रहते पहचान कर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। साथ ही केले की विशेष किस्म ‘नंजनगुड रसाबले’ को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक टीम भेजने की घोषणा की।

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कृषि मंत्री

पीली मटर के जीरो आयात शुल्क पर कृषि मंत्री ने जताई चिंता

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीली मटर के लगातार फ्री आयात और इससे घरेलू दालों की कीमतों पर पड़ रहे नकारात्मक असर पर चिंता जताई है। उन्होंने किसानों के हित में इस पर 50% आयात शुल्क लगाने की मांग की है।दिसंबर 2023 से अब तक 3.5 मीट्रिक टन से ज्यादा पीली मटर आयात हो चुकी है और यह छूट 31 मार्च 2026 तक जारी है।भारतीय दलहन और अनाज संघ और CACP दोनों ने आयात रोकने या शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है, ताकि घरेलू बाजार स्थिर रहे और किसानों को दाल उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिले।

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बिहार

बिहार में मखाना किसानों को बड़ी सौगात, 16 जिलों में खेती के विस्तार के लिए किसानों को मिलेगी 75% सब्सिडी

बिहार सरकार ने मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए मखाना अवयव योजना शुरू की है। इस पर दो साल में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना से राज्य के 16 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। किसानों को मखाना की खेती पर 75% यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा और पारंपरिक उपकरण किट पर भी 75% सहायता दी जाएगी। इसके अलावा किसानों को उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।

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मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में बारिश से 8 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में अगस्त की ज्यादा बारिश से करीब 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं, जिनमें मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिमी और उत्तर महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नांदेड और वाशीम जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कपास, सोयाबीन, तुर, मक्का और अनार की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि नुकसान का सही आकलन नहीं हुआ और पिछली बीमा राशि भी अब तक नहीं मिली। सरकार ने सर्वे कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

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गेहूं भंडारण

गेहूं भंडारण सीमा घटी, हर हफ्ते बताना होगा स्टॉक

सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा घटाई है ताकि दाम नियंत्रित रहें और जमाखोरी रोकी जा सके। अब खुदरा दुकानदार व बड़ी रिटेल चेन प्रति आउटलेट 8 टन, थोक व्यापारी 2,000 टन और आटा मिलें अपनी क्षमता के अनुसार ही स्टॉक रख पाएंगी। कारोबारियों को हर शुक्रवार ऑनलाइन स्टॉक बताना होगा, वरना कार्रवाई होगी। यह कदम त्योहारों से पहले कीमतें स्थिर रखने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह नियम 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।

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जय सिंह

आलू की खेती की मास्टरक्लास, जय सिंह की 40 साल की खेती का अनुभव

उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के प्रगतिशील किसान जय सिंह 40 साल से आलू और केले की खेती कर रहे हैं। वे खेत को तीन बार रोटावेटर से तैयार कर गोबर की खाद डालते हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 12–15 क्विंटल बीज आलू (40–50 ग्राम) लगता है, जिसे उपचार के बाद बोया जाता है। पहली सिंचाई हल्की और बाद में पौधों की छतरी बनने पर पानी दिया जाता है। खाद में NPK, यूरिया, मैग्नीशियम और जिंक का संतुलन उनकी पैदावार को बेहतर बनाता है।

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बिहार कृषि विभाग

केले की फसल पर काला सिगाटोका रोग का खतरा, बिहार कृषि विभाग ने किसानों को दी अहम सलाह

बिहार सरकार ने किसानों को चेताया है कि केले की फसल में काला सिगाटोका नामक फफूंदजनित रोग तेज़ी से फैल रहा है। यह रोग पत्तियों पर काले धब्बे और धारियाँ बनाता है, जिससे फल समय से पहले पककर खराब हो जाते हैं और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। कृषि विभाग ने बचाव के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% का छिड़काव करने की सलाह दी है। बिहार केले की खेती में अहम भूमिका निभाता है और हर साल लगभग 14.57 लाख टन उत्पादन करता है, जो देश के कुल उत्पादन का 4–5% है।

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