मराठवाड़ा में बारिश-बाढ़ से तबाही

महाराष्ट्र: किसानों को 2,215 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान, दिवाली से पहले खाते में जमा होंगे रुपये!

मराठवाड़ा और आसपास के जिलों में लगातार भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 75 मंडलों में अतिवृष्टि दर्ज हुई, 22 गांवों का संपर्क टूट गया और 228 लोग फंसे रहे। अब तक चार लोगों और 76 मवेशियों की मौत हुई है। प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ राहत कार्य में जुटे हुए हैं। 18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसलें डूब चुकी हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए दिवाली से पहले 2215 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का ऐलान किया है। मौसम विभाग ने आगे भी तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है, और कृषि विभाग ने किसानों से सावधानी बरतने की अपील की है।

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में अतिवृष्टि: मंत्री गुलाबराव पाटिल ने दिया मुआवजे का आश्वासन, मृतक परिवार को 4 लाख की सहायता

महाराष्ट्र में अतिवृष्टि और बाढ़ से लगभग 30 जिले प्रभावित हुए हैं, जिसमें करीब 18 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुईं। राज्य के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को अधिकतम मुआवजा और राहत राशि का आश्वासन दिया। इसी दौरान बाढ़ में डूबकर जान गंवाने वाले काकोड़ा निवासी किरण सावले के परिवार को 4 लाख रुपये का चेक भी दिया।

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महाराष्ट्र में बाढ़ और अतिवृष्टि से तबाही

महाराष्ट्र में बाढ़ और अतिवृष्टि से तबाही, करीब 18 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद

महाराष्ट्र में अतिवृष्टि और बाढ़ से 30 जिले प्रभावित हुए हैं, जहां करीब 18 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, कपास, मक्का, दलहन और मूंगफली जैसी फसलें बर्बाद हो गईं। सबसे ज्यादा नुकसान जलगांव और मराठवाड़ा में हुआ है। राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा और राहत राशि जल्द देने का आश्वासन दिया है, जबकि IMD ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

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मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में बारिश से 8 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, मराठवाड़ा और विदर्भ में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र में अगस्त की ज्यादा बारिश से करीब 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं, जिनमें मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिमी और उत्तर महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नांदेड और वाशीम जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कपास, सोयाबीन, तुर, मक्का और अनार की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि नुकसान का सही आकलन नहीं हुआ और पिछली बीमा राशि भी अब तक नहीं मिली। सरकार ने सर्वे कर मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

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लातूर समेत मराठवाड़ा में जोरदार बारिश, लेकिन किसान बुआई में ना करें जल्दबाजी

लातूर। महाराष्ट्र के लातूर में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। इसे देखते हुए किसानों से बुआई शुरू कर दी है। बारिश की वजह से ज़िले के नदी, तालाब उफान पर हैं। निलंगा, मदनसूरी, नीटूर, अंबुलगा (बू), कसार शिरसी, कसार बालकुंडा, पंचिनचोली, औराद शाहजानी, हलगारा, भुतमुगली में बारिश के बाद सोयाबीन, मूंग,…

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