चपाता मिर्च

प्राकृतिक लाल रंग वाले वारंगल के ‘टमाटर मिर्च’ को मिला GI टैग

प्राकृतिक लाल रंग के गुणों वाली वारंगल चपाता मिर्च को जीआई टैग मिला यह मान्यता तेलंगाना का 18वां जीआई रजिस्ट्रेशन है तथा बागवानी उत्पाद के लिए यह पहला रजिस्ट्रेशन है। मध्य तेलंगाना के कृषि जलवायु क्षेत्र में उगाई जाने वाली एक विशिष्ट किस्म वारंगल चपाता मिर्च को भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग से सम्मानित किया गया है। स्थानीय रूप से इसे “टमाटर मिर्च” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी आकृति टमाटर जैसी होती है।

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भारत ने 2030 तक 10,000 GI products के रजिस्ट्रेशन का रखा लक्ष्य

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भौगोलिक संकेतक (GI) रजिस्ट्रेशन वाले उत्पादों की संख्या को साल 2030 तक 605 से बढ़ाकर 10,000 तक करने का लक्ष्य रखा है. GI products किसी खास भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होने वाले कृषि, प्राकृतिक या बनाये हुए प्रोडक्ट होते हैं. आमतौर पर किसी उत्पाद से जुड़ा GI tag ग्राहक को उसकी गुणवत्ता और विशिष्टता के बारे में आश्वस्त करता है.

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Mithila Makhana: छह महीने में ही दोगुनी कैसे हो गई मिथिला मखाने की कीमत?

फोटो क्रेडिट: सोशल मीडिया पूरी दुन‍िया में प्रस‍िद्ध ब‍िहार, म‍िथ‍िला के मखाने की कीमत प‍िछले 6 महीने में दोगुनी तक बढ़ चुकी है। र‍िपोर्ट की मानें तो दुनिया का लगभग 85 से 90 प्रतिशत मखाना भारत में होता है जबकि भारत का 90 प्रतिशत मखाना बिहार में होता है। बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सीतामढ़ी,…

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