Jain Drip Irrigation automation plant

तकनीक से तरक्की पार्ट- 1 ड्रिप इरिगेशन ऑटोमेशन सिस्टम: 90 एकड़ खेत में सिंचाई और फर्टिगेशन एक साथ

90 एकड़ में अमरुद, केला और लीची के पौधो के लिए सिंचाई और फर्टिगेशन करने का काम बहुत सारे मजदूरों से नहीं बल्कि एक ऑटोमेशन मशीन से ही हो जाता है। हर पौधे को मिल जाता है जरूरत के हिसाब से पौषण और पानी जिससे फसल की बढ़वार एक समान और एक समय पर होती है।

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दानेदार उर्वरक और जल में घुलनशील उर्वरकों में अंतर

फसल के विकास के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसे किसान भाई उर्वरकों या खाद के सहारे पूरा करते हैं। एक फसल को 17 तरह के षोषक तत्वों की जरूरत रहती है जिसमें मेजर हिस्सा कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम होता है।

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Jain Irrigation layout system for fertigation

फर्टिगेशन से फसल को मिलता है 90 फीसदी तक पोषण

एक पौधे को अच्छे से ग्रोथ करने के लिए कार्बन नाइट्रोजन, पोटशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीज, सल्फर, बोरान जैसे 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पारम्परिक तरीके से खाद देने पर पोषक तत्वों का सिर्फ 40 से 50 प्रतिशत ही पौधे को मिल पाता है वहीं जल विलेय उर्वरक देने पर इसका लाभ प्रतिशत 90 तक पहुंच जाता है।

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