सहकारी चीनी मिलों

गन्ना आधारित प्लांट को बहु-फ़ीड आधारित इथेनॉल प्लांट में बदला जाएगा, बढ़ेगा इथेनॉल का उत्पादन

देश में सहकारी चीनी मिलों में गन्ने पर चलने वाला इथेनॉल प्लांट केवल गन्ने के सीजन में ही चलता है और बाकी सीजन में बंद रहता है। सरकार ने इन सहकारी मिलों के गन्ना इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए कहा है ताकि हर सीजन में मक्का आदि से इथेनॉल बनाने का काम चलता रहे। इसके लिए सरकार गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए लोन पर ब्याज की छूट भी दे रही है। इससे चीनी मिलों को भी फ़ायदा होगा और साथ ही इथेनॉल उत्पादन भी बढ़ेगा।

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सहकारी चीनी मिलों

गन्ना वाले इथेनॉल प्लांट अब मक्के का भी कर सकते हैं इस्तेमाल, लोन और ब्याज पर छूट देगी सरकार

सहकारी चीनी मिलों (सीएसएम) की सुविधा के लिए, भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने संशोधित इथेनॉल ब्याज अनुदान योजना के तहत सीएसएम के लिए  योजना अधिसूचित की है। इसके तहत उनके गन्ना आधारित मौजूदा फीडस्टॉक इथेनॉल प्लांट को मक्का और क्षतिग्रस्त अनाज (डीएफजी) जैसे अनाज का उपयोग करने के लिए मल्टी-फीडस्टॉक आधारित प्लांटों में बदला जाएगा।

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