कृषि

Economic Survey 2024-25: पिछले एक दशक में कृषि आय में सालाना 5.23 प्रतिशत की वृद्धि

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्‍त निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2024-25 पेश करते हुए कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय लचीलापन दर्शाया है, जो कि सरकारी पहलों जैसे उत्पादकता, फसल विविधता को बढ़ावा देकर और कृषि आय में वृद्धि के कारण संभव हुई है.

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Economic Survey: मार्च 2024 तक 7 करोड़ 75 लाख किसान क्रेडिट कार्ड चलन में

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा(Economic Survey) 2024-25 पेश करते हुए कहा कि सभी किसानों विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों तथा समाज के वंचित वर्गों को उपलब्‍ध कराई जा रही ऋण सहायता उनकी आमदनी तथा कृषि की उत्‍पादकता को बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

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सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि स्थिर रही। दूसरी तिमाही में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले चार तिमाहियों से अधिक थी।

Economic Survey: कृषि क्षेत्र की आर्थिक सेहत कैसी है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सरकारी पूंजीगत व्यय (Capex), निर्यात वृद्धि और घरेलू खपत में सुधार की वजह से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 6.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है। खरीफ फसल की अच्छी पैदावार और…

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Economic Survey: वित्त वर्ष 2024 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का देश की जीडीपी में लगभग 16 प्रतिशत का योगदान रहा

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक सर्वे(Economic Survey) पेश कर किया. इकोनॉमिक सर्वे हमेशा केंद्रीय बजट से एक दिन पहले यानी आमतौर पर 31 जनवरी को पेश किया जाता है. सर्वेक्षण के अनुसार भारत की वित्त वर्ष 2026 की GDP ग्रोथ 6.3-6.8 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है.

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इकोनॉमिक सर्वे 2023-24: क्या कृषि-क्षेत्र, हमारा उद्धारक बन सकता है?



सर्वे में एक और बात सामने आई है, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन के अनुसार लोगों को एग्रीकल्चरल ऐक्टिविटीज़ से नॉन एग्रीकल्चरल ऐक्टिविटीज़ की ओर ले जाने वाली नेशनल स्ट्रेटेजी एम्प्लॉयमेंट और प्रॉपर्टी का क्रिएशन नहीं कर पा रही है। उनकी सलाह है – ‘जड़ों की ओर लौटें’ और खेती को देश के ग्रामीण युवाओं के लिए फैशनेबल और उपयोगी बनाएं।

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