मध्य प्रदेश

ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर समेत कई सिंचाई तकनीकों पर सब्सिडी दे रही है मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार पानी की कमी को देखते हुए उसे बचाने के कई प्रयास कर रही है. पानी की खपत सबसे ज्यादा खेती किसानी में होती है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पारंपरिक सिंचाई तकनीकों के बजाय स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम जैसे कई तकनीकों पर किसानों को सब्सिडी दे रही है. ये आधुनिक सिस्टम 70 परसेंट तक पानी बचा सकते हैं, जिससे सीमित जल संसाधनों के साथ भी बड़े क्षेत्रों की सिंचाई करना संभव हो जाता है.

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तकनीक से तरक्की पार्ट-17: स्प्रिंकलर से आलू और मेंथा की फसल में बढ़ा उत्पादन

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। “इस बार पूरे प्रदेश आलू की पैदावार कम हुई है लेकिन हमारी पैदावार बढ़ी है। मेरे एक बीघे में 5 बोरी यानि 25 कुंटल की ज्यादा पैदावार हुई है। अगर इस समय का रेट जोड़े तो 2000 के हिसाब से ये 50 हजार का होता है।” आलू किसान अनिल वर्मा कहते हैं।…

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तकनीक से तरक्की पार्ट-15: खेती का बदला सिस्टम, सूखे हरियाणा में 10x बढ़ी किसानों की आमदनी

हिसार(हरियाणा)।देश की कुल 140 मिलियन हेक्टेयर खेती में से 51 फीसदी से ज्यादा बारिश पर निर्भर है। अगर बारिश हुई तो फसल अच्छी होगी नही तो पैदावार ना के बराबर होगी। हरियाणा में भी पानी की भीषण कमी है, कई इलाके तो ऐसे हैं जहां पीने के पानी का भी संकट है। दक्षिणी और पश्चिमी…

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micro irrigation sprinkler irrigation system information

माइक्रो इरिगेशन की ABCD पार्ट- 2: स्प्रिंकलर इरिगेशन या फव्वारा सिंचाई विधि के फायदे जानिए

second episode of Micro irrigation ki ABCD we shall learn about Sprinkler / Water sprinkler system and the benefits of adopting this method.
The approximate cost involved in the setup.
How does Sprinkler/raingun/fogger
and mini sprinkler work and which kind of setup is best as per the crop.
The complete information about these setups is being shared by officers from Jain irrigation Systems

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यूपी में ट्रैक्टर, पावर टिलर, सिंचाई साधनों और बागवानी पर 90% तक सब्सिडी

ट्रैक्टर पर 35 फीसदी सब्सिडी, पावर टिलर पर 50 फीसदी सब्सिडी, ड्रिप-स्प्रिंकलर पर 90 % तक सब्सिडी, मशरूम उत्पादन 40% तक सब्सिडी, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन 50 हजार तक। आवेदन के लिए आपका मोबाइल नंबर, खेत की खसरा/खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी ये जरूरी कामजात होने चाहिए। आवेदन के बाद उसकी कॉपी आपको helplinehorti@gmail.com पर आपको भेजनी होगी।

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