कोरोना काल में रोजगार देने में सबसे आगे एग्रीकल्‍चर सेक्टर, RBI की रिपोर्ट में खुलासा

देश का सेंट्रल बैंक RBI ने बीते दिनों रोजगार बढ़ोतरी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल यानी साल 2020-21 में कृषि क्षेत्र ने सबसे ज़्यादा रोज़गार के अवसर दिये हैं।

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प्रदेश में केमिकल फ्री खेती को दिया जाएगा बढ़ावा, सभी जिलों में बनेंगे IPM ग्राम, जानिए क्या है योजना 


इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) खेती में प्रयोग की जाने वाली वो तकनीक है जिससे ना सिर्फ़ उत्पाद केमिकल फ्री होगा बल्कि इससे किसानों की खेती में लागत कम होगी और आमदनी में इजाफा भी होगा।

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दालों की कमी को कम करने के लिए सरकार ने काबुली चना पर स्टॉक सीमा से छूट दे दी है



केंद्र सरकार ने व्यापारियों के अनुरोध पर काबुली चना को स्टॉक सीमा के दायरे से बाहर कर दिया है।

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Millets Cultivation: धान के अलावा खरीफ की इन फसलों से भी बंपर मुनाफा, कृषि विभाग ने दी काम की राय

भारत में मोटे अनाज और इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा “श्री अन्न योजना” की शुरुआत की गयी है।

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उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 650 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा, तिलहन उत्पादन भी डबल, लेकिन यह सब हुआ कैसे? कृषि मंत्री ने खुद खोला राज

मीडिया से बात करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन 650 लाख मीट्रिक टन के करीब पहुंचा गया है जो कि पिछले कुछ वर्षों से 100 लाख मैट्रिक टन अधिक है।

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किसानों के लिए दिनभर की ज़रूरी खबरें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।

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बाढ़ग्रस्त इलाके में सूखा और सूखे इलाके में बाढ़ क्यों?

क्यों सूखे इलाके में बाढ़ की तस्वीरें हैं और भरपूर पानी वाले इलाकों में सूखा. पिछले दिनों राजधानी दिल्ली से लेकर बिहार तक हमने कई इलाके ऐसे देखे जहां पानी के लिए जद्दोजहद थी और उन्हीं जगहों के दूसरे इलाकों में बाढ़.

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driverless tractor

बिना ड्राइवर का ट्रैक्टर लेकिन फायदे हज़ार

वो ज़माना तो लगभग जा ही चुका है जब बैलों के जरिए खेती होती थी लेकिन लग रहा है कि अब ट्रैक्टर चलाने के लिए ड्राइवर की भी ज़रूरत खत्म होने वाली है और टेक्नोलॉजी खेती में नए नए अध्याय जोड़ रही है. महाराष्ट्र के अकोला में रहने वाले किसान विजेंद्र वरोकार ने कुछ ऐसा ही किया है कि वो चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने अपने ट्रैक्टर मे एक ऐसी जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया है कि उनका ट्रैक्टर ड्राइवर रहित हो गया है. यह ट्रैक्टर बगैर किसी इंसान के खुद ही खेत की जुताई कर सकता है. इसके अलावा जुताई के साथ साथ यह बीजों की बुवाई में भी सक्षम है.

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बजट, महाराष्‍ट्र सरकार, क‍िसान

44 लाख किसानों का माफ होगा ब‍िजली ब‍िल, कपास, सोयाबीन पर बोनस… छह प्‍वाइंट में समझ‍िए महाराष्‍ट्र बजट का पूरा सार

महाराष्‍ट्र सरकार (Maharashtra Budget) ने आगामी व‍िधानसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए राज्य का बजट पेश किया। मानसून सत्र के दौरान पेश किए गए बजट में राज्यभर की महिलाओं और किसानों को वित्तीय राहत और सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कई कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। 6 पॉइंट में समझ‍िए…

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देश के 85% खेत हो रहे बांझ, इसका असल जिम्मेदार कौन?

देश के 85 % खेत बांझ हो रहे हैं, क्या आपको इसके कारण पता है? अजीब बात है कि भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है और उसके बावजूद देश कहा जाता है और उसके बावजूद ये हाल है? इसके कारण क्या हैं और इस समस्या के समाधान क्या हो सकते हैं? जानिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी से जो वर्तमान में अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय समन्वयक हैं.

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