इस समय देशभर में रबी फसलों की कटाई और ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई का काम चल रहा है। जायद सीजन में मुख्य रूप से मूंग, उड़द, मक्का और सब्जियों की खेती होती है। इसके अलावा कुछ जगहों पर दलहन और तिलहन फसलों के अलावा धान की भी खेती की जाती है।आपको बता दें कि जायद फसलों की बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल तक माना जाता है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 4 अप्रैल तक ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई 60.22 लाख हेक्टेयर (एलएच) तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज 52.4 लाख हेक्टेयर से 15 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने कहा कि जायद सीजन की बुवाई अच्छी चल रही है, और उसे विश्वास है कि इस वर्ष सीजन के अंत तक सामान्य क्षेत्र को कवर कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि जायद फसलों की बुवाई का सही समय मार्च से अप्रैल तक माना जाता है।
मंत्रालय द्वारा जारी साप्ताहिक अपडेट के अनुसार, धान की बुवाई 17 प्रतिशत बढ़कर 31.98 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि पोषक/मोटे अनाज का रकबा 10.7 प्रतिशत बढ़कर 9.86 लाख हेक्टेयर हो गया। मक्का का रकबा 21.2 प्रतिशत बढ़कर 6.22 लाख हेक्टेयर (5.13 लाख हेक्टेयर) हो गया, जबकि ज्वार का रकबा 0.17 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.31 लाख हेक्टेयर और बाजरा का रकबा 9.5 प्रतिशत घटकर 3.15 लाख हेक्टेयर हो गया।
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दालों का रकबा भी बढ़ा
ग्रीष्मकालीन दालों का रकबा करीब 26 प्रतिशत बढ़कर 11.04 लाख हेक्टेयर हो गया, जिसका श्रेय मूंग और उड़द की बुवाई में वृद्धि को जाता है। मूंग की फसल की बुआई 24.7 प्रतिशत बढ़कर 8.34 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि उड़द की बुआई 2.52 लाख हेक्टेयर हो गई, जो 1.91 लाख हेक्टेयर से 32 प्रतिशत अधिक है। ग्रीष्मकालीन दालों के प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं। आपको बता दें कि 21.65 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्र में उगाई जाने वाली ग्रीष्मकालीन दालें उपलब्धता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर जब खरीफ और रबी सीजन के दौरान दालों के उत्पादन में गिरावट आती है।
मूंगफली के रकबे में 4 प्रतिशत गिरावट
हालांकि, तिलहन का रकबा 7.35 लाख हेक्टेयर (7.39 लाख हेक्टेयर) पर लगभग स्थिर है। मूंगफली का रकबा 4 प्रतिशत घटकर 2.96 लाख हेक्टेयर रह गया है, लेकिन तिल का रकबा 23 प्रतिशत बढ़कर 3.97 लाख हेक्टेयर और सूरजमुखी का रकबा 0.28 लाख हेक्टेयर से 0.36 लाख हेक्टेयर रह गया है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।