गन्ना आधारित प्लांट को बहु-फ़ीड आधारित इथेनॉल प्लांट में बदला जाएगा, बढ़ेगा इथेनॉल का उत्पादन

सहकारी चीनी मिलों

देश में सहकारी चीनी मिलों में गन्ने पर चलने वाला इथेनॉल प्लांट केवल गन्ने के सीजन में ही चलता है और बाकी सीजन में बंद रहता है। सरकार ने इन सहकारी मिलों के गन्ना इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए कहा है ताकि हर सीजन में मक्का आदि से इथेनॉल बनाने का काम चलता रहे। इसके लिए सरकार गन्ना आधारित इथेनॉल प्लांट को मल्टी फीड प्लांट में बदलने के लिए लोन पर ब्याज की छूट भी दे रही है। इससे चीनी मिलों को भी फ़ायदा होगा और साथ ही इथेनॉल उत्पादन भी बढ़ेगा।

इथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY)2023-24 के दौरान पेट्रोल के साथ मिश्रण के लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) को प्रोड्यूस्ड और सप्लाई की गई इथेनॉल की कुल मात्रा लगभग 672 करोड़ लीटर थी। वर्तमान इथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) 2024-25 में, लगभग 261 करोड़ लीटर का प्रोडक्शन किया गया है और OMC को सप्लाई की गई है (23.02.2025 तक)।

इथेनॉल सप्लाई ईयर 2025-26 में पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए लगभग 1016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया ने 12 मार्च 2025 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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इथेनॉल उत्पादन प्लांटो को बढ़ावा
अप्रैल, 2023 से ई20 ईंधन वाले इंजनों के साथ सामग्री अनुकूलता हासिल कर ली गई है। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत, सरकार ने अप्रैल, 2025 से ई20 ट्यून्ड इंजन वाले वाहनों को बाजार में उतारने का लक्ष्य तय किया है। ई20 पर चलने वाले वाहनों में गैसोलीन की तुलना में फ्यूल एफिशिएंसी में मामूली कमी देखी जाती है।

देश में इथेनॉल उत्पादन प्लांटो की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 2018-22 के दौरान विभिन्न इथेनॉल ब्याज सहायता योजनाओं को अधिसूचित किया है। सहकारी चीनी मिलों के लिए एक नई योजना भी 06.03.2025 को अधिसूचित की गई है, जिसके तहत उनके मौजूदा गन्ना आधारित प्लांटो को बहु-फ़ीड आधारित इथेनॉल प्लांटो में परिवर्तित किया जाएगा।

इथेनॉल पर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया
सरकार देश में इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है, जैसे कि तेल मार्केटिंग कंपनियों को सप्लाई के लिए विभिन्न फीड-स्टॉक से प्रोड्यूस्ड इथेनॉल के लाभकारी मूल्यों का निर्धारण, EBP कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना, पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रित (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का को प्रमुख फीडस्टॉक के रूप में बढ़ावा देना, समर्पित इथेनॉल प्लांटो (डीईपी) के साथ तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा दीर्घकालिक उठाव समझौते (एलटीओए) शामिल हैं।

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