इंडियान शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) का अनुमान है कि चालू चीनी सीजन सितंबर में 91 लाख टन के स्टॉक के साथ समाप्त होगा। इस्मा ने एक बयान में कहा कि हर साल चीनी विपणन सीजन (अक्टूबर से सितंबर) लगभग 55 लाख टन के साथ समाप्त होता है। लेकिन इस साल यह 36 लाख टन अधिक होने की संभावना है। इस्मा ने अपने बयान में यह भी कहा कि इस वजह से मिल मालिकों के लिए अतिरिक्त लागत बढ़ सकता है।
पिछले साल अक्टूबर में शुरुआती स्टॉक लगभग 56 लाख टन था और चालू सीजन के लिए अपेक्षित घरेलू खपत लगभग 285 लाख टन है। इस्मा ने सरकार से घरेलू मांग और आपूर्ति पर उचित विचार करने के बाद अधिशेष चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
सरकार ने 2024-2025 चीनी सीजन के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) ₹25 प्रति क्विंटल बढ़ाकर ₹340 प्रति क्विंटल कर दिया है। इससे गन्ने की लागत और चीनी उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी और मिलों को 14 दिनों के भीतर गन्ना आपूर्ति के लिए भुगतान करना होगा।
इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा, “निर्यात की अनुमति देने से न केवल घरेलू खपत के लिए पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित होगा और इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) को बनाए रखा जा सकेगा, बल्कि चीनी मिलों की वित्तीय तरलता को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी, जिससे किसानों को समय पर भुगतान किया जा सकेगा।” इस्मा का अनुमान है कि चालू चीनी सीजन इस साल सितंबर में 91 लाख टन चीनी स्टॉक के साथ समाप्त होगा।