इस साल भारत में चीनी उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है और केवल दो महीनों में उत्पादन 43% बढ़कर 4.11 मिलियन टन पहुँच गया है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने सबसे ज़्यादा उत्पादन किया है। चीनी मिलों और किसानों की बढ़ी लागत को देखते हुए ISMA ने सरकार से चीनी का MSP और इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की मांग की है।
भारत में इस साल चीनी उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है। ISMA (इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) के मुताबिक अक्टूबर और नवंबर 2025 में देश में 4.11 मिलियन टन चीनी उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल के 2.88 मिलियन टन से 43% ज़्यादा है।
किस राज्य ने कितना उत्पादन किया?
उत्तर प्रदेश: 1.40 मिलियन टन (पिछले साल 1.28 मिलियन टन)
महाराष्ट्र: 1.69 मिलियन टन (पिछले साल सिर्फ 0.46 मिलियन टन)
कर्नाटक: 7.74 लाख टन (पिछले साल 8.12 लाख टन) — किसान आंदोलन की वजह से शुरुआत में असर पड़ा
गुजरात: 92,000 टन
तमिलनाडु: 35,000 टन
बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में इस साल 428 चीनी मिलें चल रही हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 376 थी।
चीनी उत्पादन क्यों बढ़ा?
चीनी उत्पादन बढ़ने की तीन बड़ी वजह बतायी जा रही है। एक गन्ने की पैदावार अच्छी रही। दूसरा चीनी रिकवरी रेट बढ़ा है।और तीसरा मिलों ने समय पर क्रशिंग शुरू की है।
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ISMA की मांगें
ISMA का कहना है कि चीनी की लागत बढ़ने के बावजूद MSP (न्यूनतम बिक्री मूल्य) 6 साल से नहीं बढ़ा है। इस समय चीनी बनाने की औसत लागत ₹41.72 प्रति किलो है।ISMA ने मांग की है कि चीनी का MSP बढ़ाया जाए और इथेनॉल खरीद मूल्य भी बढ़ाया जाए, क्योंकि लागत बढ़ चुकी है।
इथेनॉल का मामला
खबर के मुताबिक सरकार ने चीनी मिलों के लिए 2.89 बिलियन लीटर इथेनॉल तय किया है, जो कुल आवंटन का सिर्फ 27.5% है। इससे कई डिस्टिलरी खाली क्षमता पर चल रही हैं।
आपको बता दें कि 2025-26 सीजन में भारत में 30.95 मिलियन टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल की 26.11 मिलियन टन से ज़्यादा होगा (इथेनॉल में जाने वाली चीनी को छोड़कर)।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।