देश में चीनी का उत्पादन 2 फीसदी तक कम हो सकता है। मंगलवार को जारी अपने अनुमान में भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने बताया कि चीनी का उत्पादन 33.3 मिलियन टन रहने का अनुमान है। चीनी रिकवरी दर जलाशयों में पानी की उपलब्धता और दक्षिण-पश्चिम मानसून 2024 के दौरान अनुमानित बारिश के विश्लेषण के बाद यह अनुमान जारी किया गया है।
अपने पूर्वानुमान में इस्मा ने देश के सकल चीनी उत्पादन (इथेनॉल के लिए डायवर्जन के बिना) को 2024-25 के लिए 33.310 मिलियन टन आंका है जबकि मौजूदा 2023-24 विपणन वर्ष में यह अनुमानित 33.995 मिलियन टन है। चालू विपणन वर्ष में शुद्ध चीनी उत्पादन 31.965 मिलियन टन रहने का अनुमान है जिसमें इथेनॉल बनाने के लिए 2.030 मिलियन टन डायवर्जन को भी शामिल किया गया है।
चीनी की कुल उपलब्धता 42.35 मिलियन टन होगी
इस्मा ने 1 अक्टूबर, 2024 तक 9.05 मिलियन टन का शुरुआती स्टॉक अनुमानित किया है, जबकि 2024-25 के दौरान सकल उत्पादन (इथेनॉल के लिए डायवर्जन के बिना) 33.3 मिलियन टन आंका गया है। इसलिए 2024-25 में चीनी की कुल उपलब्धता 42.35 मिलियन टन होगी। अगले विपणन वर्ष में घरेलू खपत 29 मिलियन टन रहने की संभावना है जिससे 30 सितंबर, 2025 तक अंतिम स्टॉक 13.35 मिलियन टन हो जाएगा।
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ढाई महीने के लिए मानक स्टॉक 5.5 मिलियन टन रखा गया है। इसलिए मानक स्टॉक के अतिरिक्त अतिरिक्त स्टॉक 7.85 मिलियन टन है। इस्मा ने अपने बयान में कहा, “…चीनी का अतिरिक्त स्टॉक 2024-25 सीजन में निर्बाध इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम और चालू सीजन में निर्यात के लिए पर्याप्त होगा जिससे चीनी बाजार संतुलित रहेगा।”