मध्य प्रदेश में पराली जलाने पर सख्त प्रतिबंध, किसानों को जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

मध्य प्रदेश में इस समय गेहूं की कटाई का काम जोरों पर है। गेहूं की कटाई के बाद पराली जलाने को लेकर सरकार ने सख्त चेतावनी जारी की है। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एडविन एडल सिंह कंषाना ने किसानों से कहा है कि गेहूं की कटाई के बाद पराली न जलाएं, ऐसा करने पर उन्हें जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के निर्देशों के तहत मध्य प्रदेश में खेतों में फसल अवशेष जलाने पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया है। गेहूं और धान की पराली जलाने से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। अगर कोई किसान सरकार के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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सरकार भारत सरकार की संस्था द्वारा पराली जलाने की घटनाओं की सैटेलाइट से निगरानी कर रही है। अगर कोई पराली जलता है, तो कृषि विभाग, ग्राम पंचायत, हल्का पटवारी और पुलिस बल द्वारा कार्रवाई की जाएगी।

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मध्य प्रदेश सरकार ने पराली जलाने के लिए अलग-अलग जुर्माना राशि तय की है। 2 एकड़ वाले किसानों को 2500 रुपए जुर्माना, 2-5 एकड़ वाले को 5000 तक जुर्माना और 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले को 15000 तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, उल्लंघन करने वाले किसानों को नोटिस जारी किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

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