पंजाब में पराली जलाने पर होगी कड़ी कारवाई, राज्य सरकार ने नियुक्त किए 8 हजार से ज्यादा नोडल अधिकारी

पंजाब : पंजाब सरकार ने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और पराली के सुचारू प्रबंधन के लिए 8045 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है।पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने धान की कटाई के मौसम में पराली जलने की घटनाओं को रोकने के लिए 79 एसडीएम, 108 तहसीलदार, 108 डीएसपी, 1140 क्लस्टर अधिकारियों और अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने को लेकर राज्य सरकार सख़्त हो गई है। इसको रोकने के लिए राज्य सरकार ने 8045 नोडल अधिकारियों को उन क्षेत्रों में निगरानी रखने के लिए नियुक्त किया है जहां धान की पराली जलाना एक पारंपरिक प्रथा रही है। पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि धान की कटाई के मौसम में पराली जलने से निपटने के लिए 79 एसडीएम, 108 तहसीलदारों, 108 डीएसपी, 1140 क्लस्टर अधिकारियों और अतिरिक्त कर्मचारियों को जुटाया गया है।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने सब्सिडी वाली पराली प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए 16,205 स्वीकृति पत्र जारी किये हैं। किसानों ने अब तक 8,635 सीआरएम मशीनें खरीदीं हैं।

किसानों को किया जाए जागरूक 


मंत्री ने राज्य के उपायुक्तों को पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने और किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए एक स्थायी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी भी दी जाए ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें और पराली जलाने की बजाय पराली प्रबंधन को अपनाएं।

किसानों से की अपील

मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पराली समस्या और इसके प्रबंधन को लेकर राज्य के किसानों से भी अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे धान फसल सीजन-2024 से पहले किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें आसानी से मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि इस ऐप पर भी किसानों के लिए 1.30 लाख से अधिक सीआरएम मशीनों की मैपिंग की गई है। जिन्हें किसान आसानी से बुक कर सकते हैं। इस ऐप के साथ किसान अपने आसपास उपलब्ध कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) से आसानी से मशीनें बुक कर सकते हैं और अधिक सुविधा के लिए ग्राम स्तर के नोडल अधिकारी, क्लस्टर प्रमुख से भी संपर्क कर सकते हैं।

2024 के लिए अनुमानित पराली प्रबंधन

पंजाब में इस मौसम में करीब 20 मिलियन टन पराली पैदा होने की उम्मीद है। राज्य का लक्ष्य 12.70 मिलियन टन पराली को इन-सीटू तरीकों से प्रबंधित करना है, जिसमें पराली को मिट्टी में मिला दिया जाता है। बाकी का छह मिलियन टन पराली को एक्स-सीटू में ही प्रबंधित किया जाएगा, जिसमें पराली को इकट्ठा करके बिजली संयंत्रों, गैस संयंत्रों और बॉयलरों में इस्तेमाल किया जाएगा। 
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य में लगभग 55,000 सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर धान के लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करने के लिए उपलब्ध हैं, जो गेहूं की बुवाई के लिए आदर्श समय 1 से 20 नवंबर तक 20 दिनों की अवधि के भीतर 65 प्रतिशत पराली को इन-सीटू में प्रबंधित करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है।

ये देखें –

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *