भारत में खरीफ सीजन अच्छा रहने की उम्मीद है। अनुकूल मानसून की स्थिति बुवाई में वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। खरीफ की बुवाई पहले ही पिछले साल के स्तर से आगे निकल चुकी है। अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। इससे खरीफ और रबी दोनों फसलों को फायदा होगा। कृषि सकल मूल्य वर्धन (GVA) में वृद्धि का अनुमान है। ग्रामीण मजदूरी वृद्धि भी बढ़ रही है। इससे ग्रामीण उपभोग में वृद्धि होने की संभावना है।
शोध फर्म ICRA ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि इस सीज़न में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के स्तर से काफ़ी हद तक ज़्यादा हो सकती है। अनुकूल मानसून की बदौलत, खरीफ की बुवाई सामान्य बुवाई क्षेत्र के 76 प्रतिशत हिस्से में पूरी हो चुकी है और जुलाई 2025 तक इसमें साल-दर-साल चार प्रतिशत की वृद्धि होगी।जून और जुलाई के बरसात के महीनों में बोई जाने वाली खरीफ फसलें मुख्य रूप से मूंग, चावल और मक्का हैं।
जुलाई 2025 में सामान्य से अधिक हुई बारिश
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त और सितंबर के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का आईएमडी का पूर्वानुमान खरीफ फसलों की निरंतर बुवाई के लिए शुभ संकेत है, और जलाशयों के पुनः भरने से अक्टूबर से मार्च तक रबी सीजन के दौरान बुवाई को बढ़ावा मिलेगा। ICRA की रिपोर्ट के अनुसार , भारत में जुलाई 2025 के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हुई।
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GVA में लगभग 4.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूरे दक्षिण-पश्चिम मानसून सीज़न के दौरान बारिश की मात्रा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 106 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है।ICRA का अनुमान है कि 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि लगभग 4.5 प्रतिशत होगी।
साथ ही, वास्तविक ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि जनवरी 2025 के शून्य स्तर से बढ़कर मई 2025 में चार प्रतिशत हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे ग्रामीण उपभोग मांग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।