धान समेत अन्य खरीफ फसलों की बुवाई का एरिया बढ़ा, लेकिन बाजरा की बुवाई में आई गिरावट

इस समय पूरे देश में मानसून की बारिश हो रही है इसके साथ ही किसान ख़रीफ़(kharif) फसलों की बुवाई करने में व्यस्त हैं। कृषि मंत्रालय ने ख़रीफ़(kharif) फसलों की बुवाई को ले के एक आंकड़े जारी किए हैं जिससे पता चलता है कि पिछले साल के मुताबिक़ इस साल ख़रीफ़ फसल की बुवाई में वृद्धि हुई है, लेकिन बाजरा के बुवाई में गिरावट देखने को मिल रहा है।



इस वर्ष मानसून की बेहतर बारिश की मदद से खरीफ फसलों की बुवाई का एरिया पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 575 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है।
बताया जा रहा है कि पिछले साल सितंबर की शुरुआत तक बुवाई चली थी और कुल 1088 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई की गई थी। वहीं इस साल जून के महीने में बारिश कम पड़ी थी लेकिन जुलाई में बेहतर बारिश ने बुवाई को रफ्तार दी, कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक धान, तिलहन और दालों की बुवाई के एरिया में अच्छी खासी बढ़त देखने को मिली है। हालांकि बाजरा की बुवाई में तेज गिरावट देखा जा रहा है। जबकि गन्ना, जूट और कपास की बुवाई करीब करीब सामान्य है।


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कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 15 जुलाई तक 575 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई हो चुकी है। जो की पिछले साल इसी अवधि में 521.25 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी।

धान की बुवाई की बात करें तो ये 95.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 115.64 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। वहीं दालों की बुवाई का एरिया 95.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 115.64 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। सबसे तेज उछाल अरहर की बुवाई में देखने को मिला है जिसकी अब तक 28 लाख हेक्टेयर से ज्यादा एरिया में बुवाई हो गयी है जबकि पिछले साल इस अवधि तक अरहर की बुवाई का एरिया 10 लाख हेक्टेयर से भी कम पर था।

लेकिन बाजरा की बुवाई का एरिया 50 लाख हेक्टेयर से घटकर 28 लाख हेक्टेयर पर आ गया है।वहीं तिलहन की बुवाई का एरिया 115 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 140 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

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