संजय अग्रवाल की अध्यक्षता वाली MSP समिति ने 45 बैठकें की हैं। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। समिति का उद्देश्य MSP प्रणाली की प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार लाना है। यह CACP के लिए अधिक ऑटोनोमी पर भी विचार कर रही है। कृषि विपणन को मज़बूत करना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना भी इसके कार्यक्षेत्र का हिस्सा है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बताया कि पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर समिति की अब तक 45 बैठकें हो चुकी हैं। समिति की स्थापना जुलाई 2022 में की गई थी, आठ महीने पहले सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेते हुए इस तरह का एक पैनल स्थापित करने का वादा किया था।
MSP पर 45 बैठकें आयोजित
चौहान ने उच्च सदन में अपने लिखित उत्तर में कहा, “कुल मिलाकर अब तक 39 उप-समिति/उप-समूह बैठकों सहित 45 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।” मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि MSP का पूरा लाभ देश के किसानों तक पहुँचे।मंत्री ने बताया कि MSP प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के लिए सुझाव देने हेतु समिति का गठन किया गया था।
इसके अतिरिक्त, समिति को कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) को अधिक स्वायत्तता देने की व्यवहार्यता तथा इसे अधिक वैज्ञानिक बनाने के तरीकों की जांच करने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा, “उच्च मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, देश की बदलती जरूरतों के अनुसार कृषि विपणन प्रणाली को मजबूत करने के लिए सुझाव देने का भी अधिकार दिया गया है।”
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इन विषयों पर भी हो रहा है काम
समिति प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण जैसे विषयों पर भी काम कर रही है। अपनी स्थापना के बाद से, समिति इन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और कार्यान्वयन योग्य सुझाव तैयार करने के लिए नियमित बैठकें आयोजित करती रही है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के विचारों पर विचार करने के बाद, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर पूरे देश के लिए 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए एमएसपी तय करती है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।