भारत में चावल की दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। उबले चावल के दाम 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं, जबकि सामान्य चावल की कीमतों में भी एक सप्ताह में 3% की बढ़ोतरी हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, 24 फरवरी 2025 को अधिकतम खुदरा कीमत 67 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, जो 22 फरवरी को 62 रुपये थी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चावल की कीमतों में यह उछाल निर्यात प्रतिबंध हटने के बाद आया है। अक्टूबर 2024 में केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध और न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटा दिया था। इससे वैश्विक मांग बढ़ी, जिससे घरेलू आपूर्ति प्रभावित हुई और कीमतें ऊपर चली गईं।
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बांग्लादेश से भारतीय व्यापारियों को निजी ऑर्डर मिलने से उबले चावल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। बांग्लादेश हर साल 3-5 लाख टन चावल का आयात करता है, और जनवरी 2025 से निजी ऑर्डर बढ़ने लगे हैं, जिससे बारीक उबले चावल की कीमत में 10 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, मिनिकेट चावल, जो एक महीने पहले 43 रुपये किलो था, अब 53 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
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भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और वैश्विक चावल आपूर्ति का 40% योगदान देता है। निर्यातकों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में चावल के निर्यात में 10% वृद्धि हो सकती है। हालांकि, सरकार के पास पर्याप्त भंडार है, जिससे कीमतों के स्थिर होने की उम्मीद जताई जा रही है।